पंडित प्रदीप मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से किया किला स्थिति शिव मंदिर के ताले खोलने का आव्हान।
एडिटर इन चीफ अभिषेक मालवीय
रायसेन- आजादी के पहले से भगवान शिव ताले में कैद हैं। मंदिर में ताला डला है। शिवराज के राज में शिव कैद हैं तो फिर रात किस काम का। यह बात पंडित प्रदीप मिश्रा ने मंगलवार को दशहरा मैदान पर चल रही शिव महापुराण कथा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि शंकर ताले में कैद हैं रायसेन वालो तुल लड्डू खा रहे हो। भगवान शिव के किला स्थित मंदिर में ताले डले होने पर दुख प्रकट करते हुए पंडित मिश्रा ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री मामा शिवराज से आव्हान करूंगा कि मंदिर का ताला खोल दें। उन्होंने आव्हान किया कि मामा खुद आकर इस कथा के दौरान ही मंदिर के ताले खोलें, ताकि आस्था चैनल पर पूरी दुनिया देखे।
उल्लेखनीय है कि किला मंदिर का ताला साल में एक बार केवल महा शिवरात्रि पर ही खुलता है। 1974 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाशचंद्र सेठी ने महाशिवरात्रि पर खोला था। इसके लिए रायसेन के लोगों ने लंबा आंदोलन किया था। उसके बाद से एक दिन ही ताला खोलने की अनुमति है। पंडित मिश्रा ने रायसेन किला के उक्त मंदिर के ताले खोलने की मांग कर रायसेन के लोगों के मन में दबी बात को उजागर कर दिया है। पंडित मिश्रा द्वारा मंदिर का ताला खोलने का आव्हान करते ही पूरा पांडाल शिव के जयकारों ने गूंज गया।
मंगलवार की कथा में पंडित मिश्रा ने रायसेन किला के राजा पूरनमल और रानी रत्नावली का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि रानी रत्नावली भी बड़ी शिव भक्त थीं। जब शेर शाह सूरी रानी को पाने के लिए किले पर आक्रमण करने आया था तक रानी रत्नावली ने राजा पूरनमल को तलवार देकर कहा कि मुझे मार दें, मैं नहीं रहूंगी तो क्या भगवान शिव तो यहां रहेंगे
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