हरी मिर्च 100 रु किलो भिंडी गिलकी भी 100 रु किलो होने से घरों की रसोई का बजट बिगड़ा
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हरी मिर्च 100 रु किलो भिंडी गिलकी भी 100 रु किलो होने से घरों की रसोई का बजट बिगड़ा

हरी मिर्च 100 रु किलो भिंडी गिलकी भी 100 रु किलो होने से घरों की रसोई का बजट बिगड़ा
एडिटर इन चीफ अभिषेक मालवीय 
सांचेत सब्जियों के बढ़े दाम से बिगड़ा महिलाओं की रसोई का बजट, लगातार बढ़ रही हरी सब्जियों की कीमत
लगातार बढ़ रहे सब्जियों के दामों ने महिलाओं की रसोई का बजट बिगाड़ दिया। हरी सब्जियों के दामों का दाम काफी बढ़ गया है। साथ ही टमाटर व प्याज के दामों में हो रही वृद्धि से लोगों की थाली से सलाद भी गायब होने लगा है। व्यापारियों का मानना है कि ठंड और तुसार की वजह सब्जी बर्बाद हुई है। इसी वजह से दाम तेजी से बढ़ रहा है। कारण कोई भी हो महंगाई बढ़ने गरीब व मध्यम वर्ग के रसोई का बजट ही बिगड़ गया है।
महंगाई के कारण गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों के रसोई से सब्जियां गायब होती जा रही है। सब्जियों के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसको लेगा लोग चितित हैं। आलू , टमाटर प्याज, गोभी, कद्दू, लौकी, हरी मिर्च आदि का दाम लगातार बढ़ रहा है। एक महीने पहले की बात करें तो प्याज 10 रुपये किलो थी। अब 30 रुपये किलो बिक रही है। टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। पहले 15 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर आज 20 30 से रुपये किलो तक पहुंच गया है। अन्य सब्जियों ने भी गृहणियों की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। इसको लेकर मध्यम वर्ग की महिलाएं चितित है। चार पांच सदस्यों वाले परिवार में 400 रुपये की सब्जी खरीदने से सप्ताह भर चलना मुश्किल हो रहा है। सांचेत के सब्जी विक्रेता दीपक कुशवाह बलवीर कुशवाह गोलू कुशवाह आदि ने बताया कि पिछले एक माह से लगातार सब्जियों के दाम में उछाल हो रहा है। हर सब्जियों के दाम 10-25 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए है। जो लोग ज्यादा सब्जी लेते थे अब उन्होंने कटौती करना शुरू कर दिया है। इस बारे में 

प्रियंका नामदेव का कहना है कि हरी सब्जियों के बढ़ते दामों ने खाने का स्वाद बिगाड़ दिया। लगातार बढ़ कीमतों के कारण खाने की थाली से सब्जियां गायब हो गई । लौकी से लेकर प्याज तक कि कीमतों में बेसहारा वृद्धि हो गई । ऐसे के सब्जी खरीदना मुश्किल हो रहा है। 

रितिका कुशवाह कहती हैं कि हरी सब्जियों के दाम बढ़ने से आम लोगों को की मुश्किलें बढ़ गई है । टमाटर का दाम बाजार में 15 रुपये किलो बिक रहा है । खीरा 50 रुपये किलो हो गया है ऐसे में सब्जी के साथ सलाद भी खाने की थाली से गायब हो गया।

राज बाई सेन बताती हैं कि इस समय सब्जियों के दाम बाजार में बहुत बढ़ गए है। जिस कारण प्रतिदिन सब्जी खाना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। वर्तमान में, भिडी, करेला गिलकी आदि सभी सब्जियां 80 से 100 रुपये किलो में मिल रही है। इस कारण सब्जी की कीमतों में बढ़ोत्तरी के कारण खाने की थाली में सब्जी गायब होती जा रही है। 

मंजू मैथिल कहती हैं कि बढ़ती हुई मंहगाई व सब्जी के कीमतों में भारी उछाल खाने की थाली का स्वाद बिगाड़ करके रख दिया है। बैंगन,60 तोरई 80 रुपये किलो, परवल, शिमला मिर्च 80 रुपए किलो इसी तरह सभी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है जिसे खरीदना मुश्किल हो गया है । 
सांचेत बाजार के  
वर्तमान में सब्जियों के फुटकर रेट
सब्जी -अब -पहले
हरी मिर्च हुई 100 किलो
प्याज 10 -30

आलू 15- 20

टमाटर 30 -15

लहसुन 40-60
अदरक 40-60

बैंगन 60-20

लोकी 40 -10

भिड़ी 80 -20

करेला 120- 20
हरी मिर्च 40से बढ़कर हुई 100 रु किलो
शिमला मिर्च 60-50 किसान का प्याज खत्म हुआ तो बढ़ा दाम
सब्जियों में सब से अधिक हरी मिर्च आलू व प्याज का प्रयोग होता है। इन दिनों किसान का प्याज खत्म हो गया है। जिन किसानों ने कोल्ड स्टोर में प्याज रखा था। उन्होंने निकाल लिया। किसानों ने कारोबारियों ने भी आलू प्याज खरीद दिया। अपने खाने भर का आलू बचाते हुए किसानों ने खेतों में बीज के रूप में प्रयोग कर लिया। अब केवल कारोबारियों के पास ही आलू शेष है। प्याज को कारोबारियों डंप किया है। इसकी वजह से दाम बढ़ गया है। लोगों की पहुंच से दूर है।

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