इस अवसर पर उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि मुझे इस फोरम का उद्घाटन करते हुए बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि बिना किसी भौतिक शाखा कार्यालय के पूरी तरह से डिजिटल बैंक आज एक वास्तविकता है।और एक दशक से भी कम समय यह आम बात हो सकती है।
हम बहुत आगे पहुंच गए
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि पिछले साल भारत में मोबाइल भुगतान ने पहली बार एटीएम नकद निकासी को पार कर लिया। मुद्रा का इतिहास जबरदस्त विकास दिखाता है। जैसे-जैसे मनुष्य विकसित हुआ, वैसे-वैसे हमारे लेन-देन का तरीके में भी परिवर्तन आया। वस्तु विनिमय प्रणाली से धातुओं तक, सिक्कों से लेकर नोटों तक, चेक से लेकर कार्ड तक। आज हम बहुत आगे आकर यहां तक पहुंच गए हैं।
फिनटेक क्रांति का आ गया समय
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि अब फिनटेक पहल को फिनटेक क्रांति में बदलने का समय आ गया है। एक क्रांति जो देश के हर एक नागरिक को वित्तीय सशक्तिकरण प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि हम अपने अनुभवों और विशेषज्ञता को दुनिया के साथ साझा करने और उनसे सीखने में भी विश्वास करते हैं। हमारे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशंस दुनिया भर के नागरिकों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
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