नई दिल्ली: ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के बढ़ते संक्रमण के कारण कोरोना महामारी (Corona Pandemic) एक बार फिर से वैश्विक चिंता का कारण बन गई है. मार्केट रिसर्च कंपनी इपसॉस (Ipsos Survey) ने अपने मंथली सर्वे में कहा है कि कोविड-19 (Covid-19) फिर से ग्लोबल कनसर्न का मुद्दा बन गया है. 28 देशों में हुए इस सर्वे को ‘व्हाट वॉरिस द वर्ल्ड’ (What Worries the World) नाम दिया गया है. यह सर्वे 19 नवंबर से 3 दिसंबर के बीच हुआ. इस सर्वे में शामिल लोगों ने गरीबी और सामाजिक असामनता जैसे मुद्दों पर भी चिंता जताई है. जबकि भारत के लोगों ने बेरोजगारी और जॉब सिक्योरिटी को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की.
इपसॉस के सर्वे में बताया गया कि इस साल जनवरी से कोरोना महामारी को लेकर जारी चिंताओं में कमी आने लगी थी लेकिन लेकिन ओमिक्रॉन वेरिएंट के संक्रमण की वजह से कोविड-19 फिर दुनिया के तमाम देशों के लिए चिंता कारण बन गया है. इस सर्वे में गरीबी और सामाजिक असामनता जैसे मुद्दों पर भी लोगों ने अपनी राय दी.
इपसॉस ने इस सर्वे में 18 मुद्दों को शामिल किया. इनमें बेरोजगारी, आर्थिक और राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराध और हिंसा, स्वास्थ्य सुविधाएं, महंगाई, टैक्स, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, पलायन पर नियंत्रण, नैतकिता में गिरावट, पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियां, उग्रवाद और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दे शामिल थे. सर्वे में शामिल 32 फीसदी लोगों ने कोविड-19 को अपनी चिंता का प्रमुख कारण बताया जबकि 31 फीसदी लोगों ने गरीबी और सामाजिक असामनता को लेकर अपनी राय जाहिर की. वहीं 65 फीसदी लोगों का कहना है कि उनके देश में हालात खराब हो गए हैं.


भारत में बेरोजगारी, जॉब सिक्योरिटी चिंता का बड़ा कारण
इस सर्वे में भारत में 41 फीसदी नागरिकों के लिए बेरोजगारी और जॉब सिक्योरिटी चिंता की सबसे अहम वजह है. जबकि भारत के शहरी क्षेत्रों में आर्थिक और राजनीतिक भ्रष्टाचार को परेशानी का बड़ा कारण माना गया है. हालांकि इस सर्वे में शामिल 70 फीसदी भारतीयों का मानना है कि उनका देश सही दिशा में जा रहा है.