नई दिल्ली ।यूपी विधानसभा चुनाव करीब आने के साथ ही जहां वार पलटवार तेज हो रहे हैं, वहीं गठबंधनों को लेकर भी जोर आजमाइश हो रही है। अभी तक सबसे ज्यादा दलों का गठबंधन समाजवादी पार्टी के साथ हो चुका है। अखिलेश ने अपना दल कृष्णा गुट के साथ गठबंधन किया है। अनुप्रिया पटेल वाले अपना दल से गठबंधन की चर्चा भी तैर रही हैं। इसी को लेकर पूछे गए सवाल पर अखिलेश ने कहा कि पहले वह केंद्रीय मंत्री पद छोड़ें तब देखेंगे।अनुप्रिया पटेल फिलहाल मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं। 2014 में सांसद बनने के बाद उन्हें मंत्री बनाया गया था। 2017 में अनुप्रिया पटेल ने भाजपा के साथ गठबंधन कर विधानसभा का चुनाव लड़ा था। 2019 में भी वह भाजपा के साथ लोकसभा चुनाव में उतरीं और मिर्जापुर से जीत भी हासिल की लेकिन मंत्री नहीं बनाई गईं। कुछ समय पहले ही अनुप्रिया पटेल को दोबारा मंत्री बनाया गया है। अखिलेश यादव ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि महिलाओं के मान और सम्मान के लिए सपा सरकार ने काफी काम किया। हमने 500 रुपए वृद्धावस्था पेंशन दी। उन्होंने  कहा कि भाजपा तो सिर्फ फीता काटना जानती है। साल 22 आने वाला है और भाजपा किसान की आय दोगुनी करने का वायदा पूरा नहीं कर पाई। अखिलेश ने कहा है कि सरकार बनने पर महिला पेंशन की धनराशि दुगनी या तिगुनी बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव देखते हुए मार्च तक मुफ्त राशन देने की घोषणा की है, लेकिन अगर समाजवादी सरकार आई तो हम गरीबों को समाजवादी फूड पैकेट देने की योजना लागू करेंगे। जनता अब ने मन बना लिया है उन्हें अब योगी सरकार नहीं योग्य सरकार चाहिए। अखिलेश यादव ने भाजपा के ‘फर्क साफ है अभियान’ पर तंज करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी ने युवाओं को लैपटॉप दिए और भाजपा ने उन पर लाठीचार्ज किया। सपा ने गरीबों को लोहिया आवास दिया और भाजपा ने तो लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचल डाला। सपा ने महिलाओं को सम्मान दिया और भाजपा ने चुनाव के दौरान उनकी साड़ी खींचने का कार्य किया है। फर्क साफ है। भाजपा अब चुनाव जीतने के लिए जनता रैली के बजाए सरकारी रैलियां कर रही है। सरकारी बसों का इस्तेमाल इनमें किया जा रहा है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार के हर कारनामे को जनता समझ चुकी है। अब उसके झांसे में नहीं आएगी।