पूजा-पाठ में भी वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है. इसमें जीवन में जुड़ी हर एक शुभ अशुभ बातों का उल्लेख होता है. वास्तु शास्त्र में हर चीज को सही दिशा सही जगह पर रखने से लाभ होता है.

इसके साथ घर में सकारात्मक ऊर्जा भी आती है. वास्तु के अनुसार पूजा-पाठ के कई तरह के नियम होते हैं, जिसका पालन करने से जीवन में सुख शांति आती है. पूजा के दौरान मां भगवती को खास फूल चढ़ाने से मां प्रसन्न होती हैं.

पुष्प के बिना अधूरी होती है पूजा

मां दुर्गा से आर्शीवाद प्राप्त करने के लिए उनके भक्त व्रत रखते हैं पूजा-अर्चना करते हैं. मां की कृपा पाने के लिए नियमपूर्वक पूजन किया जाता है. उन्हें प्रसन्न कर उनकी कृपा पाई जा सकती है. वास्तु के अनुसार पूजा में फूल का भी विशेष महत्व होता है. पूजा में भगवान के प्रिय पुष्प अर्पित नहीं किए जाएं, तो पूजा अधूरी रह जाती है.

मां दुर्गा को न चढ़ाएं ऐसे फूल

नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है. उन्हें प्रसन्न करने को लेकर हर दिन अलग पुष्प अर्पित होते हैं, ताकि उनकी कृपा पाई जा सकती है. यहां पर कई ऐसे फूल हैं, जिन्हें अर्पित करने से मां रुष्ट होती हैं. हर देवी-देवता का ये प्रिय फूल माना जाता है. वास्तु के अनुसार मां दुर्गा को कभी मुर्झाए हुए, पुराने फूल नहीं चढ़ाने चाहिए. ऐसा करने से नाकात्मक ऊर्जा मिलती है.

देवताओं को पसंद है ऐसे फूल

गौरतलब है कि भगवान विष्णु को सफेद पीले रंग के फूल अधिक लुभाते हैं. सूर्य, गणेश भैरव देव को लाल रंग के फूल पसंद हैं. वहीं, भगवान शंकर को सफेद फूल प्रिय लगते हैं. ऐसे में जब भी किसी भी देवी-देवता की पूजा करें, तो उन्हें प्रिय फूल ही चढ़ाएं.

भूलकर भी न अर्पित करें ये चीजें

भगवान विष्णु को अक्षत यानी चावल भूलकर भी न चढ़ाएं. यहां तक की विष्णु जी के व्रत के दौरान इस बात का जरूर ध्यान रखें कि चावल भूलकर भी न खाएं. साथ ही, मदार धतूरे के फूल न अर्पित करें. वहीं, मां दुर्गा को दूब, मदार, हरसिंगार, बेल तगर न चढ़ाएं. चम्पा कमल को छोड़कर किसी भी फूल की कली मां दुर्गा को अर्पित करना फलदायी नहीं होगा. जमीन पर गिरे हुए फूल भूलकर भी देवी मां को अर्पित न करें. मां दुर्गा को लाल रंग के फूल ज्यादा पसंद होते हैं.