नागौर। राजस्थान के नागौर जिले में बेलगाम हुये बदमाशों ने पुलिस पर हमला कर अपने साथी तस्कर को छुड़ा लिया। नागौर के खींवसर थाना इलाके में हुई इस सनसनीखेज वारदात में आरोपियों ने तस्कर को छुड़ाने के लिये पुलिस पर गाड़ी चढ़ा दी जिससे चार पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिसकर्मियों का स्थानीय अस्पताल में इलाज कराया गया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। छुड़ाये गये तस्कर और वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।
नागौर में जहां बदमाश तस्कर को पुलिस से छुड़ा ले गये वहीं कुछ दिन पहले सिरोही में पुलिस की गिरफ्त में आया तस्कर बरलूट की तत्कालीन थानाधिकारी सीमा जाखड़ से 10 लाख रुपये की डील करके फरार हो गया था। बाद में जब इस मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस महकमे ने लेडी इंस्पेक्टर सीमा जाखड़ और तीन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। खींवसर थानाधिकारी गोपालकृष्ण ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि डोडा पोस्ट तस्करी मामले में वांटेड कुख्यात तस्कर थांबड़िया निवासी बाबूलाल बिश्नोई अपनी ढाणी में आया हुआ है। इस पर खींवसर पुलिस की टीम सोमवार तड़के तस्कर को गिरफ्तार करने वहां पहुंची। पुलिस को देखते ही बाबूलाल और उसका एक साथी खेतों की तरफ दौड़ गये। लेकिन पुलिस टीम ने भी कड़ी मशक्कत कर तस्कर बाबूलाल को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस टीम तस्कर बाबूलाल को लेकर वापस लौट रही थी। इसी दौरान उसके भाई और एक अन्य ने स्पीड में कैंपर गाड़ी को दौड़ाते हुए पुलिस की टीम पर जानलेवा हमला कर दिया। तस्कर के भाई ने पुलिसकर्मियों पर गाड़ी भी चढ़ा दी। इस जानलेवा हमले में चार पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। इसके बाद वे दोनों तस्कर बाबूलाल को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ा कर फरार हो गये। इस प्रकरण में खींवसर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है, लेकिन उनका अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। जख्मी जवानों का खींवसर के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल करवाया गया। उनकी हालत अब ठीक है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में पहले भी पुलिस पर बदमाश कई बार हमला कर चुके हैं। वहीं आरोपियों को पकड़ने गई पुलिस आरोपियों की मारपीट का शिकार हो चुकी है। पश्चिमी राजस्थान में स्थित जोधपुर संभाग में डोडा-पोस्त की तस्करी भी बड़े पैमाने पर होती है। पुलिस की डोडा-पोस्त तस्करों के खिलाफ लगातार की जा रही कार्रवाइयों के बावजूद उन पर कोई अंकुश नहीं लग पाया है।