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नई दिल्ली । विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने केंद्र सरकार से हिंदू मंदिरों और धार्मिक संस्थानों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए एक कानून बनाने की अपील की है और धर्मांतरण विरोधी कानून की भी मांग की है। विहिप के अंतररार्ष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने रविवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि संगठन ने सभी राज्य सरकारों से हिंदू मंदिरों को हिंदू समाज को सौंपने का आह्वान किया है और केंद्र सरकार से इस संबंध में एक कानून लाने का अनुरोध किया है। उन्होंने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में चल रहे "सामूहिक धर्मांतरण" के रूप में जो दावा किया, उस पर उन्होंने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "ये धर्मांतरण प्रलोभन, धोखे और भय से प्रेरित हैं। विहिप इस तरह के धर्मांतरण का पूरी ताकत से विरोध करेगी और धर्मांतरित भाइयों और बहनों को हिंदू धर्म में वापस लाने के लिए अपने अभियान को तेज करेगी।" आलोक कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों की तरह तेलंगाना सरकार को भी धर्मांतरण विरोधी कानून पारित करना चाहिए, कुमार ने कहा, "हमने केंद्र सरकार से भी धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने के लिए कहा है।" आलोक कुमार ने कहा, "हमने केंद्र सरकार से (धार्मिक धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने के लिए) कहा है और यह प्रयास शुरू किया है और हम अपने प्रयासों को तेज करेंगे। सरकार को एक प्रतिनिधित्व प्रस्तुत किया गया है और हमें उम्मीद है कि वह इस पर विचार करेगी।" उन्होंने कहा कि विहिप दोनों मुद्दों पर जन जागरण कार्यक्रम उठाएगी। विहिप नेता आगे चाहते थे कि तेलंगाना सरकार गायों और उनकी संतानों की रक्षा के लिए कानून लाए क्योंकि "तेलंगाना राज्य में गोहत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं।
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