मुख्तार मलिक की जमानत याचिका खारिज , कोर्ट ने पुलिस को नियमानुसार कार्रवाई करने के दिए निर्देश
भोपाल / रायसेन - जबलपुर स्थित
मध्यप्रदेश
हाईकोर्ट
में
भोपाल
के
मुख्तार
मलिक
की
जमानत
याचिका
खारिज
कर
दी
गई।
हाईकोर्ट
ने
भोपाल
पुलिस
को
नियमानुसार
कार्रवाई
करने
के
लिए
निर्देशित
किया
है।
जस्टिस
विशाल
घगट
की
एकलपीठ
ने
यह
निर्णय
लिया।
विवादित भूमि
फर्जी
नामांतरण
से
अपने
नाम
कराने
का
आरोप
-
मुख्तार मलिक
की
जमानत
याचिका
पर
सुनवाई
के
दौरान
आपत्तिकर्ता
मोहम्मद
आमिर
की
ओर
से
अधिवक्ता
विकास
महावर
ने
जमानत
आवेदन
का
विरोध
किया
गया।
दलील
दी
गई
कि
मुख्तार
मलिक
ने
सरदार
जसवीर
सिंह,
नानक
सिंग,
वल्वंत
सिंह,
सन्तोख
सिंह,
त्रिलोचन
सिंह,
लक्ष्मीनारायण
वर्मा,
अशिफ
मामू,
अशलम
खान
उर्फ
चोटी
के
साथ
मिलकर
अपराध
किया
है।
जिसे
लेकर
भोपाल
के
कोहेफिजा
थाने
में
अपराध
दर्ज
कराया
गया
है।
इन
सभी
ने
फर्जी
नामांतरण
पंजी
के
आधार
पर
विवादित
भूमि
अपने
नाम
दर्ज
करा
ली
है।
मुख्तार मलिक
मामले
में
भोपाल
पुलिस
पर
पक्षपात
का
आरोप
-
इस रवैये
के
खिलाफ
अतिरिक्त
आयुक्त
के
समक्ष
अपील
दायर
की
गई
थी।
जिस
पर
विचार
के
बाद
नायब
तहसीलदार
ने
रिकार्ड
तलब
किए
थे।
जांच
में
पाया
गया
कि
आरोपितों
ने
तहसीलदार
के
प्रवाचक
के
साथ
लक्ष्मीनारायण
वर्मा
के
साथ
मिलकर
फर्जी
पंजी
तैयार
कराई
थी।
सारा
मामला
साफ
होने
और
FIR दर्ज
होने
के
बावजूद
रसूखदार
आरोपितों
को
गिरफ्तार
नहीं
किया
गया।
यहां
तक
कि
एक
आरोपित
पकड़
में
आया
तो
उसे
थाने
से
ही
जमानत
दे
दी
गई।
चूंकि
पुलिस
की
भूमिका
संदिग्ध
प्रतीत
हुई,
अत:
हाई
कोर्ट
में
याचिका
भी
दायर
की
गई।
इस
तरह
के
गंभीर
मामले
में
जमानत
का
लाभ
नहीं
दिया
जाना
चाहिए।
इससे
समाज
में
गलत
संदेश
जाएगा।
मध्य प्रदेश
हाई
कोर्ट
के
जस्टिस
विशाल
घगट
की
एकलपीठ
ने
राजधानी
भोपाल
के
भूमाफिया
मुख्तार
मलिक
की
जमानत
अर्जी
खारिज
कर
दी।
साथ
ही
पुलिस
को
कार्रवाई
के
लिए
निर्देशित
कर
दिया।
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