केसीसी लोन फर्जीवाड़े में जबलपुर एसटीएफ को सावित्री गुप्ता की तलाश, पता बताने वाले को 5,000 का इनाम
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केसीसी लोन फर्जीवाड़े में जबलपुर एसटीएफ को सावित्री गुप्ता की तलाश, पता बताने वाले को 5,000 का इनाम

 केसीसी लोन फर्जीवाड़े में जबलपुर एसटीएफ को सावित्री गुप्ता की तलाश, पता बताने वाले को 5,000 का इनाम

                                                                                                                                        Damo Pic 

जबलपुर -  केसीसी लोन धोखाधड़ी में आरोपी महिला सावित्री गुप्ता (पति का नाम राजकुमार गुप्ता) की जबलपुर एसटीएफ को तलाश है। गाडरवारा नरसिंहपुर में उसका पता फर्जी पाया गया है। एसटीएफ ने सावित्री गुप्ता का पता बताने वाले को ₹5000 इनाम की घोषणा की है। इस मामले में अब तक दो प्रशासनिक अधिकारियों सहित 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। केवल सावित्री गुप्ता फरार है।
गाडरवारा के लैंड रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करके 80 लाख रुपए का लोन घोटाला हुआ था
एसटीएफ डीएसपी ललित कुमार कश्यप ने बताया कि 2017 में ये प्रकरण भोपाल में दर्ज हुआ था। दरअसल गाडरवारा में वर्ष 2009-2010 में लैंड रिकार्ड का कंप्यूटराइजेशन हुआ। उस दौरान तहसीलदारों की मिलीभगत से कुछ लोगों ने फेक खसरा नंबर चढ़वा दिया। बाद में इसी फेक खसरा नंबर के आधार पर आईसीआईसीआई बैंक और सेंट्रल बैंक से केसीसी लोन निकलवाया। ये रकम 80 लाख रुपए थी। जब केसीसी लोन नहीं जमा हुआ तो बैंक सक्रिय हुआ। खसरा नंबर के आधार पर जमीन पर कब्जा करने बैंक वाले पहुंचे तो पता चला कि उक्त खसरा नंबर की कहीं जमीन ही नहीं है। फिर बैंक की ओर से एसटीएफ में शिकायत दर्ज कराई गई थी। 

2 तहसीलदार और 9 हितग्राहियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है

इस मामले में भोपाल एसटीएफ ने तत्कालीन तहसीलदार वीरेंद्र कुमार कर्ण और भुवन गुप्ता समेत गाडरवारा क्षेत्र के नौ हितग्राहियों मायाबाई गुर्जर, नन्हेलाल गुर्जर, किशोर सिंह गुर्जर, भैया जी गुर्जर, सकुनबाई लोधी, श्यामलाल लोधी, सावित्री बाई गुप्ता, विनोद कुमार गुर्जर, और एक अन्य माया बाई गुर्जर के खिलाफ साजिश रचने और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। प्रकरण की जांच जबलपुर एसटीएफ काे ट्रांसफर की गई थी।

11 में से 3 फरार थे, दो पकड़े गए, सावित्री गुप्ता बची है



डीएसपी कश्यप के मुताबिक इस मामले में तीन आरोपी बचे थे। दो आरोपी श्यामलाल उर्फ सुंदरलाल और उसकी पत्नी शकुन बाई उर्फ सुमन बाई को 14 जुलाई को गिरफ्तार किया था। दोनों ने लोन लेने के लिए श्यामलाल और शकुन बाई नाम से दूसरा आधार कार्ड बनवा लिया था। हैरानी की बात ये है कि सिर्फ एड्रेस चेंज कर दोनों ने उक्त आधार कार्ड केंद्र से बनवाए थे। इसकी भी अलग से जांच की जा रही है। दोनों ने सरपंच के लेटर के आधार पर नया आधार कार्ड बनवाया था। 19 को दाेनों को जेल भेजा गया था।

STF को कोई सुराग नहीं मिला, अब पोस्टर चिपकाए जाएंगे

मामले में आखिरी आरोपी सावित्री बाई पति राजकुमार गुप्ता निवासी घाटपिपरिया तहसील गाडरवारा जिला नरसिंहपुर की तलाश जारी है। पुलिस उसके घर के पते पर पहुंची ताे वह नहीं मिली। आशंका व्यक्त की जा रही है कि उसने भी फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाया होगा। उसने फर्जी कूटरचित खसरे-दस्तावेजों के आधार पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, शाखा गाडरवारा से केसीसी लोन लिया था। उसकी फरारी और पता फर्जी मिलने के चलते एसटीएफ नीरज सोनी ने इनाम का प्रतिवेदन भोपाल भेजा था। वहां से उसकी गिरफ्तारी पर पांच हजार का इनाम घोषित किया गया है।

Source - https://www.bhopalsamachar.com/2021/07/jabalpur-stf-5000.html

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