अवैध संबंध के शक में पति को नींद की गोलियां खिलाई, फिर सोते में करंट लगाकर मार डाला
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अवैध संबंध के शक में पति को नींद की गोलियां खिलाई, फिर सोते में करंट लगाकर मार डाला

 

छतरपुर  मध्यप्रदेश में छतरपुर के बहुचर्चित मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. नीरज पाठक हत्याकांड का खुलासा हो गया है। मामले में पुलिस ने प्रोफेसर पत्नी को गिरफ्तार किया है। आरोपी महाराजा कॉलेज की प्रोफेसर ममता पाठक ने पूछताछ में बताया कि उसने पति को खाने में नींद की गोलियां मिलाकर खिला दी। खाना खाने के बाद वह गहरी नींद में सो गए। इसके बाद एक्सटेंशन बोर्ड ले जाकर करंट लगाकर हत्या कर दी। मौत होने के बाद आरोपी पत्नी ने पति का शव दो दिन तक बेडरूम में ही रखा। 1 मई को पुलिस थाने पहुंचकर पति की मौत की खबर खुद ही पुलिस को दी।

महाराजा कॉलेज की प्रोफेसर ममता ने पूछताछ में कहा, कहीं एक वीडियो देखा था जिसमें बताया गया था कि खाने में जहर देने के बाद यदि दो दिन तक शव को रखा रहने दिया जाए तो पोस्टमार्टम में जहर सामने नहीं आता है। इसलिए 29 अप्रैल को डॉ. पाठक की हत्या कर शव को घर में रखा। ताकि नींद की गोलियां खिलाने के साक्ष्य न मिल पाएं।

छतरपुर सिविल लाइन थाना प्रभारी जगतपाल सिंह ने बताया कि लोकनाथ पुरम निवासी डॉ. नीरज पाठक की हत्या मामले में उनकी ही पत्नी ममता पाठक को गिरफ्तार किया है। मामले की जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर पत्नी पर संदेह हुआ था। थाने लाकर पूछताछ की तो आरोपी ने अपना जुर्म कबूल लिया है।

वहीं आरोपी के कब्जे से करंट लगाने में उपयोग किया गया एक्सटेंशन बोर्ड और बची हुई नींद की गोलियां बरामद कर ली गई है। आरोपी प्रोफेसर ममता पाठक को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेजा जाएगा।

डॉक्टर दंपती में 20 साल से चल रहा था विवाद

डॉक्टर नीरज पाठक और उनकी प्रोफेसर पत्नी ममता पाठक में पिछले 20 साल से विवाद चल रहा था। प्रोफेसर पत्नी को शक था कि उनके डॉक्टर पति के किसी अन्य महिला से संबंध हैं। इसलिए वे रात के समय उसे नींद का इंजेक्शन देकर सुला देते थे।

जबकि डॉक्टर का तर्क था कि उसकी पत्नी की तबीयत खराब रहने से उसे नींद नहीं आती इसलिए इंजेक्शन देकर सुला देता हूं। इसी विवाद के चलते बीते कई सालों में ममता पाठक ने संबंधित थाना, छतरपुर एसपी, सागर आईजी, भोपाल में डीजीपी तक से शिकायत करते हुए डॉ नीरज पाठक पर अन्य महिला से संबंध रखने का मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की शिकायत की। लेकिन जांच के दौरान मामला बेबुनियाद पाया गया था।

विवाद के चलते दो साल पहले डॉक्टर ने लिया था वीआरएस

जिला अस्पताल में मेडिसिन विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ डॉ नीरज पाठक अपनी प्रोफेसर पत्नी से विवाद के कारण परेशान रहते थे। दो साल पहले उन्होंने वीआरएस ले लिया था। इसके बाद उन्होंने जिला अस्पताल आना बंद कर दिया था, पर घर पर मरीजों को इलाज देते थे। यहां बता दें, डॉ. पाठक 28 अप्रैल को शिकायत करने थाने गए थे। उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे पर मोबाइल छीनने का आरोप लगाया था।

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