अ-सुरक्षित बालिका गृह:बयान में लड़कियों ने बताया- अधीक्षिका को बताया था, नाबालिग ने गोलियां खाईं पर नहीं दिया ध्यान
- अधीक्षका को पूर्व में भी अनियमितता के चलते तीन बार सस्पेंड किया जा चुका है।
- प्यारे मियां यौन शोषण की शिकार नाबालिग की मौत के बाद नेहरू नगर स्थित बालिका गृह की तत्कालीन अधीक्षिका अंतोनिया कुजूर एक्का काे भले ही सस्पेंड कर दिया है लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इसके पूर्व में भी बालिका गृह में होने वाले अनियमितता के चलते उन्हें तीन बार सस्पेंड किया जा चुका है। हर मामले में जांच के बाद उन्हें क्लीनचिट मिल जाती है।
सूत्रों के मुताबिक मामले में न्यायिक जांच शुरू हो गई है। बयान में लड़कियों ने बताया कि जब नाबालिग को सुबह उल्टी शुरू हुई थी तो इसकी जानकारी उन्होंने एक्का को दी थी। अधीक्षिका ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। नाबालिग को पहली उल्टी सुबह दस बजे हुई थी।
जब ज्यादा तबियत खराब हुई तब उसे अस्पताल ले जाने के लिए रात आठ बजे 108 एंबुलेंस को फोन लगाया गया। जब एंबुलेंस नहीं आई तो उसके बाद डायल 100 को बुलाकर भेजा गया। जबकि यहां पर स्टाफ के पास कार थी, लेकिन किसी ने भी उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई।
नाबालिगाें के परिजन नहीं लेकर पहुंचे दस्तावेज: नाबालिग की माैत के बाद शनिवार काे चार नाबालिगाें के परिजनाें काे दस्तावेज लेकर बुलाया गया था। इनमें से सिर्फ एक नाबालिग की मां पहुंची, लेकिन उसके पास सभी जरूरी दस्तावेज नहीं थे। इस पर जांच एजेंसी ने इन सभी से पूरे दस्तावेज लाने काे कहा है।
इधर, नाबालिगाें के परिजनाें ने बच्चियाें काे बालिका गृह से वापस उन्हें साैंपने के लिए जिला अदालत में आवेदन दिए थे। इस पर अब बाल कल्याण समिति जिला एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से मार्गदर्शन मांग रही है। चूंकि इन्हाेंने अदालत में आवेदन दिया है, इसलिए मार्गदर्शन मांगा गया है।
एक्का के कार्यकाल में हुईं घटनाएं
5 अगस्त 2016: निरीक्षण के दौरान अधीक्षिका नहीं मिली, तत्कालीन आयुक्त जयश्री कियावत ने उन्हें सस्पेंड किया।
2016 : खाना बनाने को लेकर झगड़ा हुआ। एक लड़की हुई घायल। मामले को जांच करने के बाद उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।
नंवबर 2017 : एक बच्ची के साथ मारपीट हुई। उसकी कॉलर बोन टूटी। समय पर इलाज नहीं मिलने पर संक्रमण पूरे शरीर में फैला, जिससे उसकी मौत हो गई।
रिकॉर्ड और साक्ष्य जुटाए, एसआईटी ने बच्चियों के दर्ज किए बयान
भोपाल. प्यारे मियां यौन शोषण के मामले की पीड़िता नाबालिग की नींद की गोलियां खाने से हुई मौत की जांच एसआईटी ने शुरू कर दी। शनिवार को एसआईटी ने बालिका गृह पहुंचकर वहां से घटना से संबंधित दस्तावेज हासिल कर अन्य बालिकाओं के बयान दर्ज किए हैं।
दो दिन पहले हुई बालिका की मौत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के लिए एसआईटी बनाने के आदेश दिए थे। इसके बाद आईजी महिला अपराध शाखा दीपिका सूरी के नेतृत्व में एसआईटी बनाई गई है। एसआईटी ने बालिका गृह की स्टाफ के भी बयान दर्ज किए हैं। एसआईटी ने बालिकाओं से संबंधित रिकार्ड और घटना से जुड़े साक्ष्य जुटाए हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर की आशंका जताने के बाद एसआईटी इस दिशा में भी जांच कर रही है कि किसी ने बालिका को जहर देकर उसकी हत्या तो नहीं की है। एसआईटी जल्द ही अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करेगी। एसआईटी प्रमुख और आईजी महिला अपराध शाखा दीपिका सूरी के अनुसार एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है।
Source-https://www.bhaskar.com/local/mp/bhopal/news/the-girls-told-in-the-statement-had-told-the-superintendent-the-minor-did-not-pay-attention-to-the-pills-128156980.html
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