मंडीदीप थाने में हत्या के प्रयास, वाहन चोरी और अपहरण के केस बड़े तो सतलापुर थाने में विभिन्न अपराधों में आई कमी,
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मंडीदीप थाने में हत्या के प्रयास, वाहन चोरी और अपहरण के केस बड़े तो सतलापुर थाने में विभिन्न अपराधों में आई कमी,



  •  मंडीदीप थाने में हत्या के प्रयास, वाहन चोरी और अपहरण के केस बड़े तो सतलापुर थाने में विभिन्न अपराधों में आई कमी,
  • बीते वर्ष शहर के दोनों थानों में दर्ज हुए 706 अपराधों  की तुलना में 185 की कमी के साथ 2020 में 521 अपराध हुए,
  • हत्यारों को पकड़ने में नाकाम रही पुलिस
  • अपराध कम होने का बड़ा कारण लॉकडाउन भी रहा,


 

सिटी रिर्पोटर मंडीदीप। लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था भले ही वे पटरी हो गई हो और लोगों को विभिन्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा हो परंतु औद्योगिक शहर में इसके कुछ सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं। इनमें लॉकडाउन  से मुख्य रूप से शहर में बढ़ते अपराधों के ग्राफ में काफी हद तक कमी देखी गई है।  प्रमुख रूप से चोरी दुष्कर्म एवं सड़क दुर्घटनाओं में भी रिकॉर्ड कमी आई है।

दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए बीते वर्ष 22 मार्च से मई माह तक चले देशव्यापी लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था से लेकर तमाम सेक्टर को बुरी तरह से प्रभावित किया है लेकिन इसी लॉकडाउन के कारण अपराधों का ग्राफ भी डाउन हुआ है।  इसका अंदाजा शहर के मंडीदीप और सतलापुर दोनों थानों के आंकड़ों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है।

 जहां मंडीदीप थाने में 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक  विभिन्न तरह के 411 अपराध दर्ज किए गए। जबकि इसके पूर्व 2019 में 493 अपराध पंजीबद्ध हुए थे। इस तरह मंडीदीप थाना क्षेत्र में 82 अपराधों की कमी भले ही आई हो लेकिन , अपहरण  वाहन चोरी हत्या के प्रयास के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। जबकि सतलापुर थाने की बात करें तो यहां पूरे साल में 110 मामले दर्ज हुए हैं। जोकि बीते वर्ष 213 की तुलना में 103 अपराध कम हुए। खास बात यह है कि इस थाना क्षेत्र के अंतर्गत सामान्य अपराध के साथ हत्या, दुष्कर्म,अपहरण, वाहन चोरी एंव चोरी की घटनाऔं सहित संगीन अपराधों में भी कमी आई हैं। हालांकि पुलिस ने इस दौरान आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर 151,110 तथा 1/17/16 जैसी प्रतिबंधात्मक धाराओं का उपयोग ज्यादा किया है।इस तरह पुरे वर्ष में कुल 110 अपराध दर्ज किए गए। 


हत्या के आरोपी को पकड़ने में नाकाम रही पुलिस:

अंग्रेजी शराब की दुकान के सामने 28 सितंबर 2019 को हुई मजदूर की हत्या के आरोपी अब तक फरार है। जबकि आरोपी घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज में कैद भी हुए हैं।इसके बाद भी मंडीदीप पुलिस हत्यारों को पकड़ने में तो नाकाम रही ही,बदमाशों के नाम तक पता नही लगा सकी। 

 

गैंगरेप छेड़छाड़ के आंकड़े गायब: 

पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों में गैंगरेप छेड़छाड़ के मामलों का जिक्र नहीं है। पुलिस ने इन्हें गंभीर अपराध की श्रेणी में नहीं रखा है ।पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कुल अपराध में सभी तरह के अपराध शामिल है।

 

थाना मंडीदीप

अपराध                        2018                     2019              2020

हत्या                             02                         02                  02

 दुष्कर्म                         20                         14                    11                       

अपहरण                       26                           10                   20

वाहन चोरी                    48                         23                    28                         

चोरी                             11                         04                    02

अन्य                            664                     410                   325

कुल                             787                      493                   411

 

थाना सतलापुर

अपराध                     2018                     2019                    2020

दुष्कर्म                      11                         12                           07

अपहरण                      10                        10                        07        

गृह भेदन                    04                        08                        05

वाहन चोरी                  27                        15                        08

हत्या का प्रयास            02                        01                        02            

अन्य                            207                    160                        80

कुल                             278                     213                      110


इनका कहना है

    महिला अपराधों के मामले में पुलिस ने जन संवाद कार्यक्रम कर लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास किया।

 वहीं संगीन अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस पूरे समय सतर्क रही।निसंदेह कोरोना लॉकडाउन के कारण भी अपराधों पर अंकुश लगा है।

इसके अलावा हमने नियमित रूप से कमांड और कंट्रोल करने के साथ-साथ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई अधिक की। जिससे आईपीसी के अपराध नहीं बढ़ पाए। 


अमृत मीना, एएसपी रायसेन

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