सरकार ने फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराने के आदेश जारी कर दिए हैं। यूजीसी के आदेशानुसर 30 सितंबर तक परीक्षाएं आयोजित होनी हैं। इससे संशय की बनी स्थिति स्पष्ट हो गई है। अभी तक स्टूडेंट्स परीक्षा की तैयारी नहीं कर रहे थे। इससे पहले सरकार ने आदेश जारी किए थे कि बिना परीक्षा के प्रमोट किए जाएंगे।
इससे स्टूडेंट्स ने परीक्षा की तैयारी भी छोड़ दी थी। अब स्टूडेंट्स फिर से परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं। प्रिंसिपल डॉ. आरके खन्ना का कहना है कि यूजीसी की गाइडलाइन है। इसके अनुसार ही कार्य होगा। परीक्षा को लेेकर ऑफिशियल लेटर उनके पास नहीं आया है। सुनने में आ रहा कि फाइनल ईयर की परीक्षाएं सितंबर के अंत तक होनी है।
इस घोषणा के बाद कॉलेजों में एक तरफ जहां एडमिशन तो दूसरी तरफ फाइनल ईयर के सेमेस्टर की परीक्षाओं की तैयारी की जानी है। परीक्षाएं ऑनलाइन या ऑफलाइन इसका फैसला विवि पर छोड़ा गया है। सरकार के आदेश आने के बाद यूजीसी की ओर से सभी विवि को अपने कॉलेजों में फाइनल ईयर के फाइनल सेमेस्टर में परीक्षा कराने के आदेश दिए हुए हैं। परीक्षाएं ऑनलाइन या ऑफलाइन किस तरीके से लेनी है। ये विवि प्रशासन तय करेगा।
परीक्षा आयोजन के दौरान सरकार की ओर से जारी सभी नियमों का पालन जरूरी है। यूजीसी की गाइडलाइन में ओपन बुक एग्जाम और मल्टीपल चाॅइस क्वेश्चन पैटर्न से किसी भी हो सकती है। विवि चाहे तो परीक्षा केंद्रों पर भी पेपर पेन आधारित परीक्षाएं करा सकती हैं।
स्टूडेंट्स बोले- पहले क्यों नहीं बताया
स्टूडेंट्स रिया, रजनी, आरती व प्रिया का कहना है कि वे एमए फाइनल ईयर में हैं। उनको पहले बताया गया था कि परीक्षाएं नहीं होंगी इसलिए उन्होंने परीक्षा की तैयारी छोड़ दी थी। अब उनको परीक्षा की तैयारी करनी पड़ेगी। इसी तरह बीए फाइनल की स्टूडेंट्स संगीता का कहना है कि परीक्षा की दिक्कत नहीं है। बस देरी से पता लगा है।
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from KAPS Krishna Pandit
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