नवजात की मौत, 12 घंटे बाद महिला को ले गए अस्पताल वहां उसने भी दम तोड़ा
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नवजात की मौत, 12 घंटे बाद महिला को ले गए अस्पताल वहां उसने भी दम तोड़ा

आशा वर्कर 10 दिन से मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रही हैं। इससे घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं का चेकअप नहीं हो पा रहा। इसका खामियाजा जगाधरी के मुखर्जी पार्क कॉलोनी निवासी ज्योति को उठाना पड़ा। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी होने के बाद भी उसकी स्वास्थ्य विभाग देखरेख नहीं कर पाया। वहीं उसके पति ने भी ध्यान नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि बुधवार को छह माह में ही डिलीवरी हो गई। घर पर ही डिलीवरी हुई और नवजात बच्ची की मौत हो गई। 12 घंटे तक ज्योति घर में ही तड़पती रही और जब उसका शरीर बेजान हुआ तो रिश्तेदार ऑटो में उसे जगाधरी सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे।

लेकिन वहां पर जब तक उसे इलाज मिल पाता उसकी मौत हो चुकी थी। इस तरह से जच्चा-बच्चा ने दम तोड़ दिया। ज्योति के पास दो बेटियां पहले हैं। परिवार ने नवजात बच्ची को बुधवार को दफना दिया था। वीरवार को पुलिस ने ज्योति के शव पोस्टमार्टम कराया और परिजनों को सौंप दिया। जगाधरी थाना प्रभारी सुखबीर सिंह ने बताया कि इस मामले में 174 की कार्रवाई की गई है। घर पर ही डिलीवरी होने से मौत हुई।

डॉक्टर ने दूसरी बेटी के जन्म पर कहा था 5 साल तक बच्चा न करनाः एक आशा वर्कर ने बताया कि ज्योति में ब्लड कम था। ढाई साल पहले जब उसने दूसरी बेटी को जन्म दिया था तो तब डॉक्टर ने कहा था कि अब 5 साल के गैप के बाद ही अगला बच्चा करना। लेकिन वह दो साल बाद ही गर्भवती हो गई। इस दौरान भी उसकी हालत खराब ही चल रही थी। वह रूटीन का चेकअप भी नहीं करा रही थी।

सुबह 9 बजे घर पर ही हो गई थी डिलीवरी, मृत बेटी को दिया था जन्म: काजल

मृतका की देवरानी काजल ने बताया कि उसकी जेठानी ज्योति गर्भवती थी। उसका इलाज जगाधरी सिविल अस्पताल में चल रहा था। वहां पर ठीक से ट्रीटमेंट नहीं मिल पाता था। ज्योति का पति भी अपनी पत्नी की ठीक से देखरेख नहीं करता था। ज्योति का यह तीसरा बच्चा था। बुधवार सुबह 9 से 10 बजे उसकी डिलीवरी घर पर हो गई। उन्होंने मृत लड़की को जन्म दिया। इसके बाद ज्योति घर पर ही थी। रात के समय उसकी हालत ज्यादा खराब हुई तो वे उसे ऑटो में जगाधरी सिविल अस्पताल ले गए।

वहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। काजल का कहना है कि ज्योति का पति अमित मेटल फैक्टरी में काम करता है। ज्योति की मौत में कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी है। उसकी दो बेटियां बेसहारा हो गई। उनके रिश्तेदारों ने बताया कि ज्योति का पति नशा ज्यादा करता है। पत्नी की हालत बिगड़ने पर भी वह उसे अस्पताल नहीं ले गया था। बाद में रिश्तेदार ही उसे अस्पताल लेकर गए थे।



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Newborn died, 12 hours later, took the woman to the hospital where she died too


from KAPS Krishna Pandit
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