स्कूल संचालक अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं। नियमित रूप से मैसेज भेजकर परेशान किया जा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश बताकर संचालक प्रेशर बनाने का काम कर रहे हैं। जो फीस नहीं दे पा रहे हैं, उनके बच्चों को ग्रुप से बाहर निकाल कर स्कूल संचालक पढ़ाना बंद कर रहे हैं। स्कूल की इस मनमानी पर रोक लगाने की मांग को लेकर वीरवार को अभिभावकों ने डीईओ नमिता कौशिक से मुलाकात की। उनको बताया कि कोरोना के चलते रोजगार प्रभावित हुए हैं। ऐसी स्थिति में वे लोग फीस देने में असमर्थ हैं। डीईओ ने मामले में उचित कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिलाया।
अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चे निजी स्कूलों पढ़ाई कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर शिक्षण संस्थान बंद हैं। ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। रोजाना अभिभावकों के पास मैसेज किए जाते हैं। कभी फोन करते हैं। हाईकोर्ट और शिक्षा मंत्री ने ट्यूशन फीस लेने की बात कही है। स्कूल संचालक यही फीस वसूल सकते हैं। अभी तक किसी स्कूल वालाें ने ये नहीं क्लियर नहीं किया है कि ट्यूशन फीस है कितनी। उनकी यही मांग है कि स्कूल संचालक उनको बताएं तो सही कि ट्यूशन फीस कितनी तय है।
बच्चों को स्कूल ग्रुप से बाहर निकाल रहे: अभिभावकों ने बताया कि बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्कूलों ने ग्रुप बनाए हुए हैं। इस ग्रुप से ही होमवर्क क्लास वर्क कराया जाता है। जब से फीस ट्यूशन फीस पूछी है संचालकों ने उनके बच्चों को ग्रुप से रिमूव कर दिया। बच्चों को पढ़ाई नहीं कराई जा रही है। इससे उनके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस प्रकार की मनमानी पर रोक लगाए जाने की जरूरत है।
विभाग देगा जानकारी: डीईओ ने अभिभावकों को बताया कि ट्यूशन फीस कितनी है। इसकी जानकारी विभागीय अधिकारी जुटाएंगे। कार्यालय से अभिभावक आकर जानकारी जल्द ले सकेंगे।
नहीं है कोई नोटिफिकेशन: डीईओ नमिता कौशिक ने ये भी बताया कि अभी उनके पास कोई नोटिफिकेशन नहीं आया कि कितनी फीस स्कूल संचालक ले सकते हैं। अगर इस बात को लेकर भी डराया जा रहा है गलत है। स्कूल संचालकों को अभिभावकों की बात का संतोषजनक जवाब देना चाहिए।
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from KAPS Krishna Pandit
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