सिविल अस्पताल में विश्व मच्छर दिवस मनाया गया। उप सिविल सर्जन डाॅ. वागीश गुटैन उप सिविल सर्जन ने बताया कि बताया कि जिला में 32,731 घरों को चेक किया गया, जिनमें से 905 घरों में मच्छर का लारवा पाया गया है, 15964 कूलर चेक किए गए हैं, जिनमें से 340 कूलर में, 28589 टेंक में से 44 में, 572 हांडी में से 21 में, अन्य 76504 कंटेनर व गमलों में से 137 में व बाहरी जमा पानी के 2336 कंटेनर में से 17 में मच्छर का लारवा पाया गया है, जिसे मौके पर नष्ट कर दिया गया है।
50,762 मच्छरदानियां मलेरिया प्रोन एरिया में निशुल्क वितरित की गई हैं। अमीता बुद्धिराजा एंटोमोलॉजिस्ट ने मच्छर के जीवन चक्र की विस्तार से जानकारी दी। यदि एक जगह पर 7 दिन से ज्यादा पानी खड़ा रहेगा तो उसमें मच्छर पनपेगा, जिसके दौरान वह अंडा, लारवा व प्यूपा स्तर को पार करता हुआ पूर्ण रूप से मच्छर बन जाएगा। सिविल सर्जन ने बताया कि मच्छर जनित रोगों को रोकने के लिए विभाग द्वारा गंबूजिया मछली को तालाबों में छोड़ा जा रहा है। एक गंबूजिया मछली एक दिन में 100 से 300 मच्छर के लारवा को खा सकती है।
बचाव इस तरह से करें: सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि अपने घर में कहीं पर पानी न जमा होने दें। वेक्टर जनित रोगों से बचने के लिए पूरी बाजू के कपडे पहने, मच्छरदानी का उपयोग करें। यदि कोई मलेरिया का पॉजिटिव केस पाया जाता है तो उसे 24 घंटे के अंदर रेडिकल ट्रीटमेंट दिया जाता है। यदि किसी व्यक्ति को सर्दी के साथ बुखार आए तो नजदीकी स्वास्थ्य संस्था से खून की मुफ्त जांच करवाएं।
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from KAPS Krishna Pandit
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