वाहन इंश्योरेंस रिन्यू करवाने के लिए प्रदूषण सर्टिफिकेट अनिवार्य हो गया है। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण ने 20 अगस्त से इसका पालन करवाने के आदेश दिए हैं। इधर पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है, लेकिन सोनीपत में 2010 से पहले के रजिस्टर्ड वाहनों का रिकॉर्ड ऑनलाइन अपडेट नहीं, जिससे सर्टिफिकेट बनवाने में परेशानी हो रही है। ऑनलाइन प्रदूषण केंद्र पर लोगों के सामने यह समस्या आ रही है। पुलिस चेकिंग के दौरान कोई दलील नहीं सुनती और 10 हजार का चालान कर रही है। इससे जहां नाके पर विवाद बढ़ रहे हैं और लोगों पर मंहगे चालान की मार पड़ रही है।
जिले में 2017-18 से पहले के करीब 2.10 लाख वाहन
ऑनलाइन प्रक्रिया करने से वाहन चालकाें को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार जिले में करीब 2.10 लाख वाहन बीएस 3 और बीएस 4 मॉडल के हैं। ये 2017-18 से पहले के हैं। 2010 से पहले के वाहन ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं हैं। इन सभी काे अपना रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कराना ही होगा।
1599 वाहनों को जब्त किया : पुलिस ने लॉकडाउन में यातायात नियम तोड़ने वालों पर खूब सख्ती की। पुलिस ने 1599 वाहनों को इंपाउंड किया। इसके साथ 26240 वाहनों के चालान किए। सभी थानों व चौकी में वाहनों की संख्या बढ़ गई है।
लोगों के सामने परेशानी, समाधान की मांग
प्रदूषण सर्टिफिकेट ऑनलाइन 40 केंद्र पर बनाए जा रहे हैं। 2010 से पहले जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, उनमें से काफी का रिकार्ड अपडेट नहीं है। जिसके चलते सर्टिफिकेट बनवाने में दिक्कत हो रही है। लोगों ने मांग की जो मैन्युअल रिकॉर्ड है उसे अपडेट किया जाए। ताकि प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने में आ रही समस्या दूर हो सके।
^समस्या लेकर काफी लोग आ रहे हैं, ज्यादा दिक्कत छोटे वाहन मालिकों की है। यह कार्य एसडीएम कार्यालय से होना है। वहां रिकॉर्ड ऑनलाइन होना है। जगबीर, असिस्टेंट आरटीए सोनीपत।
^प्रदूषण सर्टिफिकेट अनिवार्य है। वाहनों चालकों को रिकॉर्ड ऑनलाइन न होने से यह सर्टिफिकेट बनवाने में दिक्कत आ रही है, इसके लिए सम्बंधित अधिकारी से बात कर समाधान करवाया जाएगा। जश्नदीप रन्धावा, एसपी सोनीपत।
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from KAPS Krishna Pandit
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