गांव बालू में शराब ठेकेदार व रसोइए की ब्लाइंड मर्डर गुत्थी को सुलझाते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को काबू किया है। आरोपियों ने 20 मई की रात गांव बालू स्थित ठेके में वारदात को अंजाम देकर आग लगा दी थी। दोनों ही आरोपी मृतक ठेकेदार के पास कार्य करते थे, लेकिन कहासुनी के बाद रंजिश रखते हुए हत्या की वारदात को अंजाम दिया। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी व पूछताछ के लिए आरोपियों को चार दिन के रिमांड पर लिया गया है।
एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि गांव कुराड़ निवासी ओमप्रकाश ने गांव बालू में हिस्सेदारी में शराब ठेका लिया हुआ था। 20 मई की रात ओमप्रकाश व नेपाल निवासी रसोइया भगत सिंह ठेका परिसर में ही बने कमरे में सो रहे थे, जबकि सेल्समैन ठेका के अंदर सोया था। तड़के 2.52 बजे सेल्समैन की नींद खुली तो ओमप्रकाश के कमरे में आग लगी हुई थी। ठेका का बाहर से कुंडा लगा होने की वजह से सेल्समैन बाहर नहीं निकल सका। कमरे में ओमप्रकाश व भगत सिंह के शव मिले। एसपी ने बताया कि पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी को सुलझाते हुए जींद के गांव बेलरखा से जाखौली निवासी संदीप उर्फ दीपू तथा 32 वर्षीय गुरमीत को काबू कर लिया।
आरोपियों ने कबूला-कहासुनी के बाद रखने लगे रंजिश
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूला कि वे दोनों शराब ठेकेदार ओमप्रकाश के पास बालू में ठेके पर उनके काम धंधे में मदद करते रहते थे। काम के बदले उन्हें पीने के लिए शराब तथा अच्छा खाना मिलता रहता था। दोनों आरोपी चोरी आदि के अलग-अलग मामलों में पुलिस गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार भी थे। ओमप्रकाश के साथ छोटी-छोटी बातों पर कहा-सुनी हुई तो वे उससे रंजिश रखने लगे। जिस कारण उन्होंने वारदात को अंजाम दिया। वारदात के उपरांत ठेका में सोए सेल्समैन के जागने तथा शोर मचाने कारण बाहर व्यक्तियों को इकट्ठा होता देखकर वे मौके से फरार हो गए थे।
अनसुलझे सवाल, जिनका रिमांड के दौरान होगा खुलासा
ओमप्रकाश के साथ किन बातों पर कहासुनी हुई थी।
आरोपियों ने हत्या को कैसे अंजाम दिया, आग हत्या से पहले लगाई या आग लगाकर हत्या की।
वारदात में और कितने आरोपी शामिल थे।
हत्या की प्लानिंग कितने समय से हो रही थी।
आरोपियों के निशाने पर ओमप्रकाश ही था या ओमप्रकाश और भगत सिंह दोनों की हत्या की पहले से प्लानिंग थी।
हत्या के लिए 20 मई की रात को क्यों चुना।
सर्च अभियान में ठेके से मिला देसी कट्टा किसका था।
वारदात के बाद आरोपी भागकर कहां गए और दो सप्ताह कहां रहे।
आरोपियों के खिलाफ कितने अपराधिक केस दर्ज हैं।
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