तीन दिन के बाद पहली जुलाई से सनातन समाज में शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त पर चातुर्मास के चलते चार महीने का ब्रेक लगने जा रहा है। पहली जुलाई को हरिशयन एकादशी है।मान्यता है कि इस एकादशी से प्रभु श्री हरि शयन को चले जाते हैं। इसके साथ ही चातुर्मास शुरू हो जाता है। चातुर्मास में सनातन धर्मावलंबियों के शादी ब्याह के शुभ मुहूर्त नहीं बनते हैं। हालांकि कुछ पंचांगों में हरिशयन एकादशी से पहले 26 से 30 जून तक शादी-ब्याह के पांच शुभ मुहूर्त बचे हैं। वहीं, कुछ पंचागों के हिसाब से शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त 17 जून को ही समाप्त हो चुके हैं। अब पंचांग के हिसाब से चातुर्मास के बाद 25 नवंबर से शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त शुरू होंगे। पंडित प्रवीण शास्त्री ने बताया कि कुछ पंचांगों के हिसाब से आषाढ़ शुक्ल पक्ष में 30 जून दशमी तिथि तक ही शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त हैं। आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी बुधवार एक जुलाई को हरिशयन और चातुर्मास शुरू हो जाएगा।
हरिशयनी एकादशी के बाद अगला विवाह विवाह मुहूर्त 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। हरि प्रबोधिनी एकादशी भी 25 नवंबर को है। इस दिन से अगले विवाह मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। इस वर्ष शादी ब्याह के अब जून में तीन,नवंबर में दो और दिसंबर में 10 शुभ विवाह मुहूर्त हैं। इस वर्ष चातुर्मास समाप्त होने के बाद 25 नवंबर से 14 दिसंबर तक केवल 12 शुभ विवाह मुहूर्त हैं। शनिवार 27 जून,रविवार 28 जून सोमवार 29 जून, मंगलवार 30 जून के बाद 25 नवंबर, 30 नवंबर व दिसंबर में विवाह मुहूर्त 1, 2, 6, 7, 8, 9, 10,11, 13, 14 केभी निकले हैं।
चार माह बाद मिलेगी राहत
बहादुरगढ़ में हर साल इस सीजन में सैकड़ों की संख्या में विवाह समारोह होते थे। इसमें बैंक्वेट हाॅल, धर्मशाला व टैंट व डीजे व भोजन अादि की व्यवस्था से जुड़े लोगों के साथ बाजार में कपड़ों बर्तनों व अन्य ज्वैलरी अादि की खरीदारी होती है। उसे यह व्यापारी साल भर के लिए अपनी व्यवस्था कर लेते हैं। डीजे संचालक संजय भाटिया ने बताया कि छह माह से खाली बैठे थे। अब कब तक खाली बैठना पड़ेगा। यह तो राम ही जानता है। 25 नवंबर से ही राहत मिलेगी।
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