रेवाड़ी से बहादुरगढ़ पहुंचे टिड्‌डी दल को भगाने के लिए ग्रामीणों ने बजाए थाल
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रेवाड़ी से बहादुरगढ़ पहुंचे टिड्‌डी दल को भगाने के लिए ग्रामीणों ने बजाए थाल

टिड्डी दल के आगमन की रेवाड़ी जिले से मिली सूचना पर बहादुरगढ़ प्रशासन के हाेश उड़ गए। तभी अधिकारियों ने किसानों के साथ मिलकर खेतों में ढोल अाैर ट्रैक्टरों पर लगे डीजे बजवाए। पटाखे छोड़े गए। महिलाअों ने चादर व कपड़ों से टिड्डी दल को खेतों से भगाने का प्रयास किया। वहीं, तेज हवा चलने के कारण टिड्डी दल झज्जर के खेतों को कोई नुकसान पहुंचा सका। इस बीच वाे यहां से गुरुग्राम में प्रवेश कर गया। इसके बाद किसानों व प्रशासन ने अपनी पीठ थपथपानी शुरू कर दी।

इस बार टिड्डियां समय से पहले आई हैं। इसका कारण मौसम का शुष्क होना भी है। पहले के मुकाबले इस बार यह अधिक ताकतवर और इनकी संख्या बहुत अधिक है। यह सुबह 10 बजे के आसपास अपना स्थान बदलती हैं। फसलों को बर्बाद करने के साथ-साथ पेड़-पौधों को भी नुकसान पहुंचाती हैं। इसको लेकर जिले में अलर्ट जारी कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, एक छोटा रेगिस्तानी टिड्डी दल एक दिन में दस हाथियों के बराबर फसल को साफ कर जाता है।
टिड्डी दल की सूचना मिलते ही डीसी जितेंद्र कुमार ने कैंप कार्यालय में आपात बैठक बुलाई। इसमें अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने संबंधित खंडों के सरपंचों से सामंजस्य बनाते हुए मुनादी करवाई गई। सुबह दिन निकलते ही ग्रामीण अपने खेतों में पहुंच गए। कृषि विभाग सहित जिले के नोडल अधिकारियों की टीम के साथ मिलकर शोर मचाना शुरू कर दिया। डीसी ने बताया कि झज्जर प्रशासन ने किसानों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए समय पर कार्रवाई की गई। इसलिए टिड्डी दल से जिले में फसलों का बचाव हुआ है।

दोपहर पूर्व तक जिले से टिड्डी दल गुरुग्राम की ओर निकल गया। शाम को खबर लगी थी कि रेवाड़ी जिले में टिड्डी दल रात को जाटूसाना ब्लाक में है। ऐसे में झज्जर जिले में टिड्डी दल के प्रवेश करने की प्रबंल संभावनाएं हैं। सुबह बेरली गांव से झज्जर जिले में टिड्डी दल ने प्रवेश किया। इसके बाद गांव तूंबाहेड़ी, बाबेपुर, छप्पार, खुड्डन, माछरौली, भटेड़ा, अमादलपुर, जाहिदपुर, दादरी तोए, याकूबपुर से सौंधी और बाढ़सा होते हुए गुरुग्राम जिले में चली गई।
प्रशासन की टीम ने स्प्रे कर टिड्डियों को भगाया
डीसी ने बताया कि प्रशासन ने एडवाइजरी भी जारी कर दी थी। इसके मुताबिक शनिवार को झज्जर जिले में टिड्डी के प्रकोप की स्थिति में खेतों में टिन के डिब्बों, थालियों व ढोल बजाकर शोर किया जाए। इससे टिड्डी दल झज्जर जिले के खेतों में ज्यादा एकत्र नहीं हो पाया। कृषि विभाग के आंकलन मुताबिक जिले में तूंबाहेड़ी, छप्पार व जाहिदपुर गांव के खेतों में आंशिक ठहराव हुआ। इसके चलते मौके पर ही प्रशासन की टीम ने स्प्रे करते हुए टिड्डियों को दूर भगाया गया।

प्रशासन के पास नहीं था कोई आधुनिक तरीका
पाकिस्तान से चले टिड्डी दल ने राजस्थान से होते हुए हवा के रुख के साथ हरियाणा के रेवाड़ी व झज्जर जिले की तरफ दस्तक दी। इस कारण प्रशासन के पास तुरंत फैसला करना था, लेकिन अापदा प्रबंधन के नाम पर प्रशासन के पास केवल ढोल बजाने के सिवा कोई भी अाधुनिक तरीका नहीं था। इसके बाद भी समय रहते अधिकारियों व किसानों ने फसलों को बचाने के लिए हर संभव उपाय किए। इसके चलते जिले में टिड्डी दल यहां फसलों को कोई नुकसान पहुंचा सका।

अलर्ट मोड़ में दिखा प्रशासन
पाकिस्तान से भारत में टिड्डी दल के प्रवेश करने के साथ ही केंद्रीय कृषि विभाग हाई अलर्ट पर था। 10 किलोमीटर लंबे व 6 किलोमीटर चौड़ाई वाले आकार में लाखों की संख्या में टिड्डी दल है। जैसे ही रेवाड़ी से इसका रुख झज्जर व बाढ़सा की तरफ हुआ तो जिला प्रशासन अलर्ट मोड़ में दिखा। सुबह 6 बजे से ही अधिकारी खेतों की तरफ मुस्तैद रहे। सभी एसडीएम, बीडीपीओ, तहसीलदार, कृषि विभाग के अधिकारियों व फायर ब्रिगेड दस्ते को तैनात कर दिया। प्रशासन की सतर्कता के कारण फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा।



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