इसे खरीद एजेंसियों की लापरवाही मानें या प्रशासनिक ढर्रे की गति से इस बार जहां गेहूं का सीजन सबसे लंबा चला है वहीं लिफ्टिंग मामले में कोई कसर नहीं छोड़ी है। गेहूं का पीक सीजन खत्म होने के करीब 20 दिन बाद भी एजेंसियों द्वारा मंडियों से गेहूं का उठान नहीं किया जा चुका है।
मंडियों में इस समय भी करीब 22 हजार एमटी गेहूं अटका है जबकि पिछले दिनों से मौसम के बिगड़े मिजाज के बाद भी एजेंसियां इसे काबू नहीं कर पाई हैं जबकि मंडियों में पड़े गेहूं की बेकद्री हो रही है। बोरियों में बेसहारा पशु मुंह मारते रहते हैं। सीजन में हैफेड एजेंसी ने सबसे ज्यादा गेहूं की खरीद की है जबकि वेयर हाउस फिसड्डी रहा है। फूड सप्लाई एजेंसी ने कुल 2 लाख 42 हजार 319 एमटी, हैफेड ने 2 लाख 58 हजार 753 एमटी, एफसीआई ने 85 हजार 583 तथा हरियाणा वेयर हाउस ने 66 हजार 876 एमटी गेहूं की खरीद की है।
वहीं गेहूं की पेमेंट के लिए भी किसानों को परेशानी हो रही है। कुछ किसानों के खाते में पैसा नहीं पहुंचा तो वे मार्केट कमेटी कार्यालय पहुंचे। यहां शिकायत देकर किसानों ने कहा कि उनकी पेमेंट दूसरे खाते में भेजी गई है। इस पर अधिकारी संबंधित बैंक से बातचीत कर समस्या का समाधान करा रहे हैं।
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