कोविड जांच और रिपोर्ट निगेटिव के बाद दर्ज हो रहे धारा 164 के बयान, रोगी काॅन्टेक्ट्स को क्वारेंटाइन कर 5वें दिन हो रही सैंपलिंग
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कोविड जांच और रिपोर्ट निगेटिव के बाद दर्ज हो रहे धारा 164 के बयान, रोगी काॅन्टेक्ट्स को क्वारेंटाइन कर 5वें दिन हो रही सैंपलिंग

कोरोना से बचाव एवं नियंत्रण के लिए 2 नई व्यवस्था शुरू हुई है। अब महिला विरुद्ध अपराध की शिकार पीड़िता की भी कोविड जांच जरूरी कर दी है। इसकी सैंपल रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही कोर्ट में धारा 164 के बयान दर्ज हो रहे हैं। यह कोरोना से बचाव की एक सुरक्षित प्रक्रिया के तहत कदम उठाया है।
इधर, कोरोना रोगी के संपर्क में आए लोगों को होम क्वारेंटाइन करने के 5वें या 7वें दिन सैंपल लिया जाता है। इससे न सिर्फ कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में मदद मिल रही है। इसके साथ ही फैसिलिटी क्वारेंटाइन का लोड कम होगा। बता दें कि कोरोना रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अभी रोगी से काॅन्टेक्ट टू काॅन्टेक्ट केस सामने आए हैं।

इन 2 किस्सों से समझिए किस तरह बनाई व्यवस्थाएं

महिला थाना एसएचओ शीला देवी ने बताया कि अब कोर्ट में पीड़िता के बयान दर्ज करवाने से पहले कोरोना सैंपल जांच रिपोर्ट पेश करनी पड़ती है। इसके बाद आगामी कार्यवाही होती है। 26 मई को एक युवती ने दुष्कर्म करने व धमकाने का केस दर्ज करवाया था। पीड़िता के धारा 164 के तहत बयान दर्ज करवाने के लिए महिला पुलिस उसे कोर्ट लेकर गई थी। वहां जज ने महिला की कोविड सैंपल रिपोर्ट मांगी थी। पुलिस कर्मी ने बताया कि जांच तो करवा दी मगर रिपोर्ट नहीं आई है। उन्हें यह कहकर लौटा दिया था कि रिपोर्ट आने के बाद बयान दर्ज करवाना। अगले दिन पीड़िता के बयान दर्ज करवाने से पहले कोर्ट में सैंपल रिपोर्ट पेश की गई, उसके बाद धारा 164 के बयान दर्ज हुए। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए यह व्यवस्था शुरू हुई है।

स्वास्थ्य विभाग की नई गाइडलाइन के तहत कोरोना पॉजिटिव रोगी के संपर्क में आने वाले लोगों के 5वें या 7वें दिन सैंपल लिए जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से बढ़ती कांटेक्ट्स की संख्या को देखते हुए कदम उठाया है। फैसिलिटी क्वारेंटाइन सेंटर्स हाउसफुल होने लगे हैं। इसलिए भविष्य की चिंता करते हुए अभी से रोगी के काॅन्टेक्ट्स वालों को होम क्वारेंटाइन करके उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। रोगी के संपर्क में आने के 5वें दिन उनका सैंपल लिया जाता है। अगर पॉजिटिव रिपोर्ट की पुष्टि होती है तो उपचार के लिए अग्रोहा मेडिकल कॉलेज भेज दिया जाता है। रिपोर्ट निगेटिव आने पर क्वारेंटाइन से राहत मिलेगी। मंडी आदमपुर में मुंबई से आए 2 परिवारों को होम क्वारेंटाइन कर दिया था। कुछ दिन बाद सैंपल लिए थे, जिसमें दोनों ही परिवारों के 5 सदस्य पॉजिटिव मिले थे। इन्हें एक ही जगह रोकने से संक्रमण नहीं फैला।



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