श्योपुर - जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री एसएन मिश्रा ने आगामी समय में गांधी सागर और कोटा बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि गुरूवार तक बाढ़ की स्थिति नॉर्मल हो जायेगी। गांधी सागर के सभी गेट बंद कर दिये गये है।
अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बैठक में वर्चुअल जुड़कर बताया कि खतरे के निशान से पानी कितना बढ़ने पर कितने गांव प्रभावित होंगे, इसका विश्लेषण कर कलेक्टरों को अवगत कराया जा रहा है।
बैठक के प्रारंभ में मुरैना कलेक्टर श्री बी.कार्तिकेयन ने बताया कि चंबल नदी का राजघाट पर खतरे का जल स्तर 138.0 मीटर है। वर्तमान में चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर 142.60 मीटर पर चल रही है। चंबल का जलस्तर अत्याधिक बढ़ने से 40 ग्राम मजरा टोले के 718 लोग बाढ़ से प्रभावित हुये है। इन सभी 718 बाढ़ प्रभावितों को विस्थापित करने के लिये 16 जन राहत शिविर लगाये गये है। शिविरों में सभी बाढ़ प्रभावितों को भोजन, पानी, पशुओं के लिये चारा आदि की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक शिविर में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार, टीकाकरण की व्यवस्था की गई है।
कलेक्टर श्री कार्तिकेयन ने बताया कि अम्बाह तहसील के वीलपुर के बिस्सा का पुरा, कंचनपुरा, डैकूरियन का पुरा तथा घेर बाढ़ प्रभावितों को नवीन हाईस्कूल कुथियाना में विस्थापित किया है। पोरसा तहसील के रतनबसई, सुखध्यान का पुरा, इन्द्रजीत का पुरा, नयापुरा (उसेथ), खुडो, बीजला (उसेथ), बिरजा पुरा (बर्रेड), छऊआ पुरा (बर्रेड), वेदपुरा (सिंगरौली), होरावरा (तिंदोखर) इन गांवो के बाढ़ प्रभावितों को शासकीय माध्यमिक विद्यालय रतनबसई, शासकीय प्राथमिक विद्यालय नयापुरा हाईस्कूल बड़फरा, शासकीय हाईस्कूल बर्रेड, शासकीय माध्यमिक विद्यालय संगरोली में विस्थापित किया है।
जौरा तहसील के 11, सबलगढ़ तहसील के 8 गांव बाढ़ से प्रभावित हुये है। कई गांव में रेस्क्यू टीम द्वारा बचाव कार्य चल रहा है। कलेक्टर ने बताया कि अगर चंबल का जल स्तर 147 तक पहुंचता है, इससे निपटने के लिये पूरी तैयारी की गई है।
श्योपुर कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने वीसी के दौरान जानकारी दी कि पार्वती नदी में जलस्तर कम हो रहा है तथा चंबल नदी में जलस्तर स्थिर है। कोटा बैराज से छोडे जा रहे पानी की मात्रा कम करने से इसका असर आगामी कुछ समय में दिखेगा। उन्होने बताया कि पार्वती एवं चंबल नदी के किनारे बसे 39 ग्रामों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये है। जिला प्रशासन एवं पुलिस की टीमें भी लगातार निगरानी कर रही है। राहत कैम्प चलाये जा रहे है। एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है तथा अधिकारी एवं मैदानी टीमें रात भर गांव में रूककर राहत कार्य चला रही है।
बैठक में पूर्व मंत्री श्री मुंशीलाल, अम्बाह विधायक श्री कमलेश जाटव, पूर्व विधायक श्री शिवमंगल सिंह तोमर ने भी संबोधित किया।
अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बैठक में वर्चुअल जुड़कर बताया कि खतरे के निशान से पानी कितना बढ़ने पर कितने गांव प्रभावित होंगे, इसका विश्लेषण कर कलेक्टरों को अवगत कराया जा रहा है।
बैठक के प्रारंभ में मुरैना कलेक्टर श्री बी.कार्तिकेयन ने बताया कि चंबल नदी का राजघाट पर खतरे का जल स्तर 138.0 मीटर है। वर्तमान में चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर 142.60 मीटर पर चल रही है। चंबल का जलस्तर अत्याधिक बढ़ने से 40 ग्राम मजरा टोले के 718 लोग बाढ़ से प्रभावित हुये है। इन सभी 718 बाढ़ प्रभावितों को विस्थापित करने के लिये 16 जन राहत शिविर लगाये गये है। शिविरों में सभी बाढ़ प्रभावितों को भोजन, पानी, पशुओं के लिये चारा आदि की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक शिविर में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार, टीकाकरण की व्यवस्था की गई है।
कलेक्टर श्री कार्तिकेयन ने बताया कि अम्बाह तहसील के वीलपुर के बिस्सा का पुरा, कंचनपुरा, डैकूरियन का पुरा तथा घेर बाढ़ प्रभावितों को नवीन हाईस्कूल कुथियाना में विस्थापित किया है। पोरसा तहसील के रतनबसई, सुखध्यान का पुरा, इन्द्रजीत का पुरा, नयापुरा (उसेथ), खुडो, बीजला (उसेथ), बिरजा पुरा (बर्रेड), छऊआ पुरा (बर्रेड), वेदपुरा (सिंगरौली), होरावरा (तिंदोखर) इन गांवो के बाढ़ प्रभावितों को शासकीय माध्यमिक विद्यालय रतनबसई, शासकीय प्राथमिक विद्यालय नयापुरा हाईस्कूल बड़फरा, शासकीय हाईस्कूल बर्रेड, शासकीय माध्यमिक विद्यालय संगरोली में विस्थापित किया है।
जौरा तहसील के 11, सबलगढ़ तहसील के 8 गांव बाढ़ से प्रभावित हुये है। कई गांव में रेस्क्यू टीम द्वारा बचाव कार्य चल रहा है। कलेक्टर ने बताया कि अगर चंबल का जल स्तर 147 तक पहुंचता है, इससे निपटने के लिये पूरी तैयारी की गई है।
श्योपुर कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने वीसी के दौरान जानकारी दी कि पार्वती नदी में जलस्तर कम हो रहा है तथा चंबल नदी में जलस्तर स्थिर है। कोटा बैराज से छोडे जा रहे पानी की मात्रा कम करने से इसका असर आगामी कुछ समय में दिखेगा। उन्होने बताया कि पार्वती एवं चंबल नदी के किनारे बसे 39 ग्रामों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये है। जिला प्रशासन एवं पुलिस की टीमें भी लगातार निगरानी कर रही है। राहत कैम्प चलाये जा रहे है। एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है तथा अधिकारी एवं मैदानी टीमें रात भर गांव में रूककर राहत कार्य चला रही है।
बैठक में पूर्व मंत्री श्री मुंशीलाल, अम्बाह विधायक श्री कमलेश जाटव, पूर्व विधायक श्री शिवमंगल सिंह तोमर ने भी संबोधित किया।
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