मंदसौर। नगर के केशव सत्संग भवन खानपुरा में चैतन्यानन्दगिरीजी महाराज साहब का दिव्य चातुर्मास चल रहा है। प्रतिदिन प्रातः 8.30 बजे से 10 बजे तक संतश्री द्वारा देवी मंा भगवती महापुराण का वाचन किया जा रहा है। स्वामी जी द्वारा देवी भगवती महापुराण के अंतर्गत नवम स्कंद का वाचन किया जा रहा है जिसमें बडी संख्या में भक्तगण सत्संग भवन पहुंच रहे है।
25 अगस्त गुुरूवार को धर्मसभा में चैतन्यानन्दगिरीजी महाराज साहब ने बताया कि हिन्दू शास्त्रों के अनुसार गौमाता का विशेष महत्व है। गाय हमारे लिए पशु न होकर माता समान है। हमारे शास्त्रों में इसका उल्लेख है गाय ही एक ऐसा प्राणी है जिसमें 33कोटी देवी देवता निवास करते है। स्वामी जी ने बताया कि गौमाता का रास्ता रोकना या उनके चरने की भूमि को हडपना महापाप है ऐसा करने वाला नर्क का भागी बनता है और कई जन्मों तक उसे भटकना पडता है। इसलिए हमें सदैव गौमाता की सेवा कर उनका ध्यान रखना चाहिए पहली रोटी गाय की निकालना ही चाहिए।
धर्मसभा में चैतन्यानन्दगिरीजी महाराज साहब ने देवी भगवती महापुराण के अनुसार पृथ्वी की उत्तप्ति का वृतांत सुनाते हुए बताया कि मधु केटव नामक असुरों का वध देवी भगवती के आशीर्वाद से भगवान नारायण ने किया था। जब मधु केटव असुरों के वीर्य से पृथ्वी की उत्पत्ति हुई इसलिए हमे अपने पुर्वजोें के पिण्ड को कभी जमीन पर नहीं रखना चाहिए सदैव किसी कपडे संदूक आदि में रखना
चाहिए। इसी प्रकार जमीन पर दीपक नहीं जलाना चाहिए, भगवान को चढाने वाले पुष्प आदि को भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए इनसे भी हमे महादोष लगता है किसी भी प्रकार की पवित्र वस्तु को जमीन पर नहीं रखना चाहिए। धर्मसभा में स्वामी जी ने बताया कि सतयुग के बाद कलयुग आया जो अभी वर्तमान में चल रहा है अब फिर कलयुग की समाप्ति जब एक प्रलय के माध्यम से होगी तब पुनः सतयुग आयेंगा और लोगों का धर्म की ओर झुकाव बढेंगा कोई भी नास्तिक नहीं रहेगा।
चाहिए। इसी प्रकार जमीन पर दीपक नहीं जलाना चाहिए, भगवान को चढाने वाले पुष्प आदि को भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए इनसे भी हमे महादोष लगता है किसी भी प्रकार की पवित्र वस्तु को जमीन पर नहीं रखना चाहिए। धर्मसभा में स्वामी जी ने बताया कि सतयुग के बाद कलयुग आया जो अभी वर्तमान में चल रहा है अब फिर कलयुग की समाप्ति जब एक प्रलय के माध्यम से होगी तब पुनः सतयुग आयेंगा और लोगों का धर्म की ओर झुकाव बढेंगा कोई भी नास्तिक नहीं रहेगा।
केशव सत्संग भवन के जगदीशचंद्र सेठिया ने बताया कि प्रतिदिन स्वामी जी द्वारा अति सुव्यस्थित तरीके से देवी भगवती महापुराण का वाचन किया जा रहा है। नगर की धर्मप्रेमी जनता से निवेदन हैं कि अधिक से अधिक संख्या में पधारकर धर्मलाभ लेंवे।
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