समूह से जुडने के पूर्व सुशीला का परिवार आर्थिक रूप से परेशान रहता था। परिवार के पास खेती करने के लिए जमीन तो थी। लेकिन, सिचांई का कोई साधन नही होने के कारण जमीन केवल एक फसल का उत्पादन देती थी। जिससे उतनी उपज नही मिल पाती थी की परिवार सालभर अपना गुजारा कर सके। साथ ही आर्थिक रूप से परेशान होने के कारण परिवार को पलायन करने तक की स्थिति निर्मित हो गई थी।
कैला मैया समूह से जुडने के बाद एवं शासन की रोजगार उन्मुखी योजना से लाभान्वित होने के बाद श्रीमती सुशीला को आजीविका मिशन के स्टाफ के माध्यम से समूह से जुडने की प्रेरणा मिली तथा उन्होने अन्य महिलाओ के साथ समूह में जुड़कर लेन-देन प्रारंभ कर दिया। श्रीमती सुशीला का परिवार कृषि से जुड़ा हुआ था। समूह के माध्यम से सुशीला को सब्जी उत्पादन करने तथा भैंस पालन की सलाह प्रदान की गयी। कैला मैया समूह के माध्यम से श्रीमती सुशीला ने 30 हजार रूपए का ऋण भेंस पालन के लिये लिया। इसके बाद भैंस पालन का काम शुरू कर दिया जिससे परिवार की आय में वृद्धि हुई एवं परिवार के आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में बदलाव आया।
जिले के विकासखण्ड विजयपुर के ग्राम चेंटीखेड़ा की निवासी श्रीमती सुशीला ने बताया कि स्वसहायता समूह के गठन के बाद मेरी आय में दिनो-दिन तरक्की हुई। समूह से आर्थिक दिशा में मैं तरक्की करती हुई समाज में पहचान बनाने के लिए सहायक बन गई हूं। इन सभी गतिविधियों का श्रेय मप्र सरकार, जिला प्रशासन और मप्रडे आजीविका मिशन को जाता है।
 

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