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तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर एम अप्पावु के बयान से विवाद खड़ा हो गया है। एम अप्पावु ने दावा किया कि अगर कैथोलिक मिशनरियां नहीं होतीं तो तमिलनाडु एक और बिहार बन जाता। उन्होंने तमिलनाडु में हुए डेवलपमेंट का श्रेय कैथोलिक मिशनरीज को दिया है।डीएमके विधायक और स्पीकर अप्पावु बीते सोमवार को चेन्नई में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे। इसी कार्यक्रम में उन्होंने यह बयान दिया। एम अप्पावु के बयान पर BJP ने आपत्ति जताई है। BJP के प्रवक्ता मोहन कृष्ण ने कहा कि स्पीकर को माफी मांगनी चाहिए। उनका बयान पूरी तरह से सांप्रदायिक है। यह भी कहा कि डीएमके की मानसिकता हिंदू विरोधी है। स्पीकर अप्पावु ने यह भी कहा है कि कैथोलिक मिशनरियों का उनकी जिंदगी में अहम रोल है। उनकी जिंदगी को उन्होंने ही बनाया है।
स्पीकर अप्पावु ने कहा कि मुख्यमंत्री (एमके स्टालिन) जानते हैं कि यह सरकार आप सभी (कैथोलिक समुदाय) ने बनाई है। अगर कैथोलिक मिशनरियों को तमिलनाडु से हटा दिया जाता तो कोई विकास नहीं होता और तमिलनाडु बिहार जैसा होता। हालांकि अभी तक डीएमके या सीएम एमके स्टालिन की ओर से कोई बयान नहीं आया है। बयान पर बवाल के बाद अप्पावु ने कहा कि वो सिर्फ इतिहास के बारे में बता रहे थे। ईसाई संस्थाओं ने एजुकेशन को आगे बढ़ाया और सोसाइटी में समानता लाए। स्पीकर ने खुद की एजुकेशन का क्रेडिट भी मिशनरियों को ही दिया।
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