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जोधपुर । राजस्थान के जोधपुर में से एक दुखद खबर आ रही है यहां सीआरपीएफ जवान नरेश जाट ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले उसने 2 वीडियो बनाए और बताया कि आखिर वह ऐसा क्यों कर रहा है। उसने वीडियो में आरोप लगाया कि छोटा कर्मचारी होने से उसकी सुनवाई नहीं हो रही। संतरी की पोस्ट पर हूं और ऊपर के अधिकारी परेशान कर रहे थे। उसकी बात आईजी तक नहीं पहुंचती। उसने डीआईजी पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि सभी जानकारी होने के बाद भी पूरी जांच नहीं करते। नरेश ने अपने गांव में रहने वाले दोस्त गजेन्द्र शर्मा से भी बात कर अपनी परेशानी बताई। उसका भी ऑडियो सामने आया है जिसमें नरेश ने बताया कि उस पर राइफल कॉक (फायरिंग करना) करने का आरोप लगाया गया है, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इधर, नरेश जाट के समाज के लोगों ने उनका शव नहीं उठाने दिया। 7 सूत्री मांगों को लेकर समाज के लोग अड़े हुए हैं। फिलहाल आरएलपी विधायक पुखराज गर्ग, रघुराम खोजा, संपत पूनिया मोर्चरी के पास मौजूद हैं। सांसद हनुमान बेनीवाल के आने की भी संभावना जताई जा रही है।
इसके कारण उसे न तो ड्यूटी पर लगाया जा रहा है न ही किसी से मिलने दिया जा रहा है। ऐसा 5 दिन से चल रहा था। ऐसे में परेशान होकर उसने हवा में फायर किया। उसने वीडियो में बोला कि आरोप झूठा था। नरेश ने यह वीडियो हवाई फायर के बाद बनाया। नरेश ने वीडियो में यह कहा कि सूरतगढ़ में 1 सितम्बर 2019 को आरटीसी जोधपुर के नाम से में रिपोर्ट किया। वहां से दो महीने बाद वापस जोधपुर पहुंचा। यहां पर ड्यूटी कर रहा था, लेकिन मुझे छुट्टी नहीं मिली, तब मैं साहब के पास पहुंचा था। उसके बाद कोविड के स्माय में आरटीपीसीआर लेने गया और एक्सिडेंट हो गया जिससे छुट्टियां लेनी पड़ी, तब डीआईजी भूपेन्द्र ने बख्श दिया और ड्यूटी पर लिया। इन्होंने मुझे सूरतगढ़ भेजा। वहां मेरे गार्ड कमांडर से झगड़ा हुआ। उसने मेरे हाथ पर काटा और बचाव में मेरी कोहनी से उसकी आंख पर लग गई, लेकिन उसने बोला कि मुझे राइफल के बट्ट से मारा।
नरेश ने बताया कि वह संतरी की पोस्ट पर था इसलिए उसके नाम से राइफल इश्यू है। उसने राइफल कॉक करने की झूठी बात कही जबकि मैने ऐसा कुछ नहीं किया। उसने कहा कि आज राइफल कॉक किया है। चार राउंड फायर किए सभी को पता चला जबकि उस दिन मैने ऐसा कुछ नहीं किया। मेरे फायर करने पर सिविल पुलिस को बुलाया गया है। 84 सीआरपीएफ कमांडो लाए उसे क्यों नहीं बुलाया गया। मैं 8 साल सिविल में ब्लैक बेल्ट रह चुका हूं। उसके बाद 2010 में ईओसी क्वालिफाइड हूं। नरेश ने कहा कि कभी लोगों को परेशान नहीं किया। अपनी ड्यूटी अच्छे से की। मुझे फैमिली परमिशन होने के बावजूद सूरतगढ़ ड्यूटी पर भेजा गया। उसने बताया कि उसे पांच दिन से कहीं आने जाने नहीं दिया जा रहा। मेरी ड्यूटी नहीं लगा रहे, कहीं मुझे गेट पास भी नहीं दिया जा रहा। जवान ने आरोप लगाया कि छोटा कर्मचारी हूं, मेरी कोई सुनता नहीं। हर कोई बोल रहा है कि राइफल कॉक कर दिया लेकिन मैने ऐसा नहीं किया। छोटे कर्मचारी को फंसाना हो तो यह बोल दो कि राइफल कॉक किया। उस समय नहीं किया आज कर रहा हूं। यहां एसी को डीसी बना कर बिठाया है, डीसी नहीं है और हमारी सुनवाई नहीं होती।
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