रायपुर और दुर्ग के कई इलाको में हल्की हवा और गरज-चमक के साथ तेज बरसात हुई। रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, कबीरधाम, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, बलौदा बाजार और बालोद जैसे जिलों में कई स्थानों पर बरसात की रिपोर्ट है। शनिवार सुबह आठ बजे तक दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा दुर्ग शहर में ही ठहरी हुई थी। अब जांजगीर-चांपा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही और बिलासपुर जैसे जिलों में भी मध्यम से भारी बरसात दर्ज होने के बाद संभावना जताई जा रही है कि मानसून मध्य छत्तीसगढ़ तक पहुंच गया है। रायपुर में बूढ़ातालाब के पास धरना स्थल, पहली बरसात में ही पानी-पानी हो गया है। तेज हवा से आंदोलनकारियों के पंडाल को नुकसान हुआ है। वहीं सड़क से नीचे होने की वजह से मैदान में पानी भर गया है। यहां धरने पर बैठे कई संगठनों के लोग बुरी तरह भीग गए हैं।छत्तीसगढ़ में मानसून का आगमन 15-16 जून की रात ही हो गया था।
इस बरसात के साथ छत्तीसगढ़ के खेतों में खरीफ की बोनी शुरू होने जा रही है। छिटककर धान बोने के लिए किसान खेतों में हल्का पानी इकट्ठा होने का इंतजार कर रहे थे। अब इस बरसात के साथ यह जरूरत पूरी होती दिख रही है। धान की रोपाई करने वाले किसान इस बरसात के बाद एक बार और खेत की जुताई कर पलेवा लगाएंगे। उसके बाद नर्सरी से पौधों को उखाड़कर पलेवा लगे खेत में रोपा जाएगा।
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