
जबलपुर। नौतपा की विदाई के बाद भी धरती जमकर तप रही है। आसमान आग उगल रहा है। मानसून के लिये अभी इंतजार करना होगा। स्थानीय बादल भी छंट गये हैं। राहत की कोई उम्मीद दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। मौसम पूर्णतः शुष्क होने पर पारा ४४ डिग्री को छूने के लिये आतुर होने लगा। इस सीजन में शनिवार को दूसरी बार पारे ने ४३.६ डिग्री की छलांग लगाई। दिन में कड़क धूप और रात में बेचैन करने वाली उमस ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया। दिन में जहां सड़वेंâ वीरान नजर आ रही थीं, वहीं रात में देर तक सड़कों पर चहल पहल बनी रही। वूâलर पंखों की हवा भी गर्मी से राहत नहीं दे पा रही थी। मौसम विभाग का कहना है कि मध्यप्रदेश में मानसून २० जून के आसपास सक्रिय हो पाएगा। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय बादलों से कुछ राहत की उम्मीद बनी थी, वह भी बिखर गई। मध्यप्रदेश के ऊपर स्थानीय बादल हवा पानी का वातावरण बना रहे थे। लेकिन हवाओं की दिशा पश्चिमी हो जाने के कारण मौसम एक बार फिर शुष्क हो गया और नीचे आया तापमान फिर उछाल लेने लगा। पिछले २४ घंटों के दौरान नगर का अधिकतम तापमान ४३.४ डिग्री सेल्सियस सामान्य से २ डिग्री अधिक दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान २९.६ सामान्य से १ डिग्री अधिक दर्ज किया गया। हवा में नमी प्रातःकाल ३० प्रतिशत और सायंकाल १३ प्रतिशत दर्ज की गई। सूर्योदय सुबह ५.२४ बजे और सूर्यास्त शाम को ६.५४ बजे हुआ। गत वर्ष आज के दिन अधिकतम तापमान ३५.३ डिग्री और न्यूनतम तापमान २६.० डिग्री दर्ज किया गया था। पश्चिमी हवाएं ८ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं। अगले २४ घंटों के दौरान मौसम शुष्क रहने की संभावना बनाई गई है।

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