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भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पार्टी में परिवारवाद की परंपरा के प्रचलन से इनकार करते हैं। चुनाव में टिकट वितरण को लेकर भी बीजेपी की गाइडलाइन तय है कि वह एक ही परिवार के सदस्यों को टिकट नहीं देती, लेकिन मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने पार्टी के मूल मंत्र को भुला दिया है। विधायकों को टिकट देने से इनकार करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने पार्षद प्रत्याशियों के चयन में पार्टी गाइडलाइन को दरकिनार कर खुलेआम पति-पत्नियों और बेटों-बहुओं को टिकट थमा दिया, प्रदेश के 16 नगर निगम में तीन नगर निगम ऐसे हैं जहां पार्टी ने नेताओं की पत्नियों को महापौर प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा है।कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाली भाजपा चुनाव जीतने के लिए खुद परिवारवाद की राह पर है।
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