प्रदेश में पहली बार भोपाल में यह व्‍यवस्‍था, ट्रैफिक जाम लगता देख सिग्नल खुद हो जाएगा ग्रीन
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प्रदेश में पहली बार भोपाल में यह व्‍यवस्‍था, ट्रैफिक जाम लगता देख सिग्नल खुद हो जाएगा ग्रीन



प्रदेश में पहली बार भोपाल में यह व्‍यवस्‍था, ट्रैफिक जाम लगता देख सिग्नल खुद हो जाएगा ग्रीन

भोपाल ।    स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन एवं नगर निगम भोपाल द्वारा राजधानी के लोगों को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए आटोमेटिक ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसीएस) लगाया जा रहा है। इस तरह भोपाल मध्य प्रदेश का पहला शहर होगा, जो चौराहों पर यह सिस्टम लगा रहा है। बता दें कि अभी भोपाल के 30 चौराहों पर इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) काम कर रहे हैं और इनसे शहर के लोगों को चालान जारी किया जा रहा है और अपराधियों को पकड़ने में पुलिस की मदद भी की जा रही है। अब राजधानी में एटीसीएस लगेगा, जो आइटीएमएस से भी ज्यादा आधुनिक है। इसके जरिए सभी चौराहों के सिग्नल आपस में जुड़े रहेंगे। यह सिस्टम गाड़ियों के दबाव को देखते हुए अपने आप ग्रीन हो जाएगा और अगले सिग्नल तक गाड़ियों का डाटा पहुंचाएगा। इस तरह अगला सिग्नल भी उसी आधार पर अपना टाइम घटा-बढ़ा सकेगा। इस तरह ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा नहीं होगी। बता दें कि भोपाल के चौराहों पर पहले से लगे आइटीएमएस को भी एटीसीएस से जोड़ा जाएगा। इस तरह भविष्य में राजधानी में कुल 111 चौराहों पर एटीसीएस लगाए जाएंगे। अभी पहले फेस में 69 चौराहों पर यह सिस्टम लगेगा। दूसरे फेस में अन्य स्थानों पर काम होगा।

अक्टूबर तक काम करने लगेगा सिस्टम

राजधानी में एटीसीएस लगाने का काम एक हफ्ते पहले शुरू भी हो गया है। अधिकारियों की मानें तो यह काम अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। बता दें कि 18 करोड़ रुपये की लागत से यह हो रहा है। इसे टेक्नोसिस कंपनी देख रही है, जिसने राजधानी में मई 2018 में आइटीएमएस लगाने का प्रोजेक्ट भी किया था और वही इसका मेंटेनेंस भी कर रही है।

एटीसीएस में खास क्या है

इसमें सभी चौराहों के सिग्नम आपस में जुड़े रहेंगे। साथ ही हर सिग्नल पर रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी), आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनेशन (एएनपीआर) (इस हाइटेक कैमरे में गाड़ियों की नंबर प्लेट्स पढ़ सकते हैं, चेहरे पहचान सकते हैं), सर्विलांस कैमरे और पब्लिक एड्रेस (पीए) सिस्टम भी लगाया जाएगा। इस तरह नियम तोड़ने वालों को, अपराधियों को पकड़ना और आसान होगा। इसके साथ ही सभी चौराहों पर पीए सिस्टम लगने से वह लोगों को बताएगा कि ट्रैफिक जाम से बचने के लिए वे कौन-सा वैकल्पिक मार्ग अपना सकते हैं।

ग्रीन कारिडोर बनाने में मिलेगी मदद

शहर के सभी चौराहों के सिग्नल सिंक्रोनाइज किए जाएंगे। ऐसा करने से किसी भी चौराहे पर जब ट्रैफिक जाम की स्थिति बनेगी, तो सिंक्रोनाइज किए गए सभी सिग्नल ग्रीन हो जाएंगे और ट्रैफिक क्लियर हो जाएगा। इन सब का फायदा इमरजेंसी के वक्त ग्रीन कोरिडोर बनाने में किया जाएगा और वीआइपी मूवमेंट के दौरान भी किया जाएगा। शहर के ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए यह लगाए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में भोपाल पहला शहर है, जहां यह सिस्टम लग रहा है। इसमें सेंट्रल अनाउंसमेंट सिस्टम की फ्रिक्वेंसी भी कंट्रोल रूम से ही सेट की जा सकेगी।

– अंकित अस्थाना, सीईओ, स्मार्ट सिटी

एटीसीएस में सारे सिग्नल आपस में सिंक्रोनाइज्ड होंगे। इसके अलावा शहर के 30 चौराहों, तिराहों पर लगे आइटीएमएस भी इससे जुड़े होंगे, तो ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वालों पर चालानी कार्रवाई भी होगी।




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