जीवन में नारद के समान सच्चा पथ प्रदर्शक गुरु होना आवश्यक - तोमर परिवार द्व‌ारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में पंडित श्री राजकिशोर जी व्यास ने कहा
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जीवन में नारद के समान सच्चा पथ प्रदर्शक गुरु होना आवश्यक - तोमर परिवार द्व‌ारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में पंडित श्री राजकिशोर जी व्यास ने कहा





जीवन में नारद के समान सच्चा पथ प्रदर्शक गुरु होना आवश्यक

- तोमर परिवार द्व‌ारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में पंडित श्री राजकिशोर जी व्यास ने कहा

मंदसौर। ध्रुव को जब सौतेली मां ने अपमानित किया तो वे रूठकर अपनी मां सुनीति की गोद में जाकर रोने लगे तब मां सुनीति ने उन्हें तपस्या कर भगवान की गोद में बैठने का उपदेश दिया। जंगल में तपस्या करने के लिए जाने के दौरान नारद जी ने आकर ध्रुव को भगवान की भक्ति व भगवान के दर्शन का रास्ता बताया। इसलिए जीवन में सच्चे गुरु का होना आवश्यक है जो भगवान के दर्शन करा दे।


यह संदेश रामटेकरी पोरवाल छात्रावास में श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस ध्रुव प्रसंग सुनाते हुए पंडित राजकिशोरजी व्यास (सिहोनिया, मुरैना) ने दिया। उन्होंने भगवान के नाम का प्रभाव बताने के लिए शुकदेवजी ने राजा परीक्षित को अजामिल का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि संतों के कहने से पाप कर्म में लिप्त अजामिल ने अपने पुत्र का नाम नारायण रखा। अंत समय में यमदूत जब अजामिल के प्राणों को ले जाने के लिए उद्यत हुए तब घबरा कर अजामिल ने पुत्र नारायण को पुकारा। नारायण का नाम लेते ही भगवान विष्णु के दूत वहाँ उपस्थित हुए और उन्होंने यमदूतों से कहा कि अंत समय में जो भगवान नारायण का नाम उच्चारण कर लेता है उसे फिर यमलोक जाने की आवश्यकता नहीं वह तो सीधा विष्णु लोक को ही जाने का अधिकारी हो जाता है और फिर भगवान के भेजे गए दूत बड़े सम्मान के साथ अजामि को विष्णु लोक लेकर गए।

पं. व्यास ने कहा कि माता पिता को अपने बच्चों का नाम हमेशा देवी-देवताओं महापुरुषों अवतारों राष्ट्रभक्त वीर शहीदों के नाम पर रखे जाना चाहिए जिससे भगवान के नाम का उच्चारण और स्मरण करने की आदत पड़ जाती है जो जीते जी मन को शांति और सुकून देने वाला होता है और अंत समय में भगवान के धाम को पहुंचा देता है इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों के नाम हमारी संस्कृति के अनुसार रखना चाहिए।

प्रवक्ता बंशीलाल टांक ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस प्रातः कालीन पौथी पूजन कृषि उपज मंडी सचिव जगदीशसिंह परमार व विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने किया। इस दौरान तोमर परिवार की वरिष्ठ शांतिदेवी, पुत्र डॉ. राघवेंद्रसिंह व िजतेंद्रसिंह तोमर के साथ ठा. सूरतरामसिंह तोमर, ठा. रामवीरसिंह तोमर, ठा.शिवरामसिंह तोमर, राजेशसिंह धाकरे, ठा. गजेंद्रसिंह तोमर, कन्हैलाल सोनगरा, बबीतासिंह तोमर, पूजा तोमर, आरती चौहान, रजनी धाकरे, डोली तोमर व बड़ी संख्या में आमंत्रितगण मौजूद रहे। संध्या पौथी पूजन व आरती में पूर्वमंत्री नरेंद्र नाहटा, पूर्व कांग्रेश जिला अध्यक्ष प्रकाश रातडिया और जिला जेल अधीक्षक प्रेमकुमार सिंह, एडवोकेट महेश मोदी शामिल हुए।




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