अमृत सरोवर निर्माण में जनभागीदारी के लिए
अधिकारियों एवं ठेकेदारों की हुई बैठक
जल अभिषेक अभियान के अंतर्गत जिले में 112 अमृत सरोवर का निर्माण किया जाना है। अमृत सरोवर निर्माण का कार्य वर्षा ऋतु के प्रारंभ होने के पहले पूर्ण करना है। इसी सिलसिले में आज 18 अप्रैल को कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में निर्माण विभागों के अधिकारियों एवं उनके निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों की बैठक आयोजित कर उन्हें दिशा निर्देश दिये गये।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक कुमार, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री अरूण श्रीवास्तव, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री राजीव श्रीवास्तव, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना ईकाई के महाप्रबंधक श्री अरविंद त्रिपाठी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री ठाकुर, मनरेगा के परियोजना अधिकारी श्री संदीप चौधरी, जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक श्री कुलदीप सिंह ठाकुर एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में खनिज विभाग सहित सभी निर्माण विभागों के ठेकेदार भी उपस्थित थे।
कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने बैठक में बताया कि शासन की मंशा है कि जल अभिषेक अभियान के अंतर्गत जिले में बनाये जाने वाले अमृत सरोवर में जनभागीदारी से सहयोग लिया जाये और शेष कार्य मनरेगा से कराया जाये। विभिन्न निर्माण विभागों में कार्य कर रहे ठेकेदार अपनी मशीनरी के साथ एक-दो दिन सहयोग प्रदान कर अमृत सरोवर निर्माण के लिए मिट्टी की खुदाई कर दें और तालाब के आकार की संरचना का निर्माण कर दें। तालाब की बंड आदि का कार्य मनरेगा से कराया जायेगा। सभी ठेकेदारों को इस कार्य में सहयोग करना है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होना चाहिए। सभी ठेकेदार प्रत्येक विकासखंड में सहयोग के लिए अमृत सरोवर को चिन्हित कर लें। तालाब के लिए की जाने वाली खुदाई से निकलने वाली मिट्टी का उपयोग ठेकेदार सड़क निर्माण या अन्य कार्यों में कर सकते है। कलेक्टर डॉ मिश्रा ने कहा कि जल संरक्षण के इस कार्य में मिलने वाला योगदान बालाघाट जिले के भू-जल स्तर को बढ़ाने में मददगार होगा।
बैठक में सभी निर्माण विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने विभाग के ठेकेदारों से समन्वय कर अमृत सरोवर तालाब निर्माण में सहयोग के लिए ग्राम एवं स्थान तय कर लें। इसमें जन अभियान परिषद द्वारा भी समन्वय किया जायेगा। यह कार्य एक सप्ताह के भीतर करना है। जिससे वर्षा ऋतु के पहले अमृत सरोवर का निर्माण पूर्ण किया जा सकेगा।


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