शराबबंदी पर फिर बोलीं उमा भारती- शराब एवं नशा राजनीतिक नहीं, सामाजिक विषय हैं
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शराबबंदी पर फिर बोलीं उमा भारती- शराब एवं नशा राजनीतिक नहीं, सामाजिक विषय हैं




 

शराबबंदी पर फिर बोलीं उमा भारती- शराब एवं नशा राजनीतिक नहीं, सामाजिक विषय हैं

भोपाल । मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने एमपी में शराबबंदी को लेकर फिर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि शराब एवं नशा राजनीतिक विषय नहीं हैं, सामाजिक विषय हैं। इस पर सबको बोलने का अधिकार है। उमा भारती ने गुरूवार को फिर कई ट्वीट कर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मैं अभी दिल्ली में हूं, एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र से जानकारी हुई कि मेरे भाई जबलपुर की पाटन विधानसभा से विधायक अजय विश्नोई ने भी खुलेआम नई शराब नीति का विरोध किया है। शराब एवं नशा राजनीतिक विषय नहीं हैं, सामाजिक विषय हैं। इस पर सबको बोलने का अधिकार है एवं ऐसे विषय पर फैसले लेते समय सामाजिक परामर्श लेना बहुत जरूरी होता है। किसानों के बारे में जो कानून बने थे, मोदी जी ने अपना बड़प्पन दिखाया और किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए किसान कानून वापस लिए, यह मोदी जी के बड़प्पन एवं महानता की जीत थी।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि अभी पांच दिन पहले मेरी एवं शिवराज जी की एक घंटे आमने-सामने बैठकर बातचीत हुई है। मैंने उन्हें सुझाव दिया कि पूर्ण शराबबंदी का आग्रह हम नहीं कर रहे हैं बल्कि क्रमिक शराबबंदी से फिर पूर्ण शराबबंदी की ओर बढऩा चाहिए। मैंने उनसे कहा है कि प्रदेश की महिलाएं एवं शराबखोरी के खिलाफ सामाजिक लोग इतना तो चाहते ही हैं कि मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, जिनालय, बौद्ध मंदिर किसी भी धार्मिक स्थान के 500 मीटर के दायरे में कोई भी शराब की दुकान या अहाता नहीं होना चाहिए। उमा ने कहा कि स्कूल, अस्पताल, शिक्षण संस्थान इन से भी 500 मीटर की दूरी के अलावा, जब तक यह संस्थान खुले हैं तब तक, शाम तक कोई भी शराब की दुकान व अहाता वहां पर बंद रहना चाहिए। घर में 11 बोतल ले जाने की अनुमति एवं एक के बदले में एक मुफ्त बोतल दिए जाने की नीति से तो घर, गली, मोहल्ला, शराब से सराबोर हो जाएंगे तथा खुले में बैठकर सामूहिक रूप से शराब पीने के अहाते तो आबादी से बहुत दूर कहीं एकांत स्थानों पर होना चाहिए। उमा ने सुझाव दिया कि शराब पीकर गाड़ी चलाना या सड़क पर पैदल चलना, दंडनीय अपराध हो। इतने कदम सरकार उठाए, फिर हम समीक्षा करते हुए धीरे-धीरे शराबबंदी की ओर बढ़ें। शिवराज जी ने कहा कि वे इस विषय पर आवश्यक परामर्श करके कोई निर्णय लेंगे। इस नई शराब नीति से खासकर महिलाएं एवं लड़कियां भौंचक्के हैं, वे हमसे इस तरह की अपेक्षा नहीं रखते हैं।




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