छपरा के 124 हेक्टेयर क्षेत्र में पुर्नजीवित हुआ जंगल
कटनी - जिले के बहोरीबंद की छपरा ग्राम वन समिति ने बिगड़े वन के सुधार में संयुक्त वन प्रबंधन की शानदार नजीर पेश कर 124 हेक्टेयर क्षेत्र में जंगल को पुर्नजीवित कर दिया है। कुछ साल पहले तक वीरान हो चुकी इस पहाड़ी में अब सघन वनीकरण के बाद यहां की जैव विविधता समृद्ध हुई है।
ग्राम वन समिति छपरा ने जब मानवीय गतिविधियों और पहाड़ी पर मवेशी चराने से लेागों को रोका तो पौधे का प्राकृतिक पुनरूद्भव हुआ। साथ ही यहां कुछ सालों में सघन पौधरोपण का कार्य भी किया गया। रोपे गए पौधे अब बड़े पेड़ों बदल गए हैं। समिति के सदस्य और ग्रामीणजन भी अब अपने बच्चों को इस उम्मीद से जंगल के महत्व से परिचित करा रहे हैं
, ताकि वे भी आने वाली पीढि़यों के लिए इसकी देखभाल करें।वनमंडलाधिकारी आरसी विश्वकर्मा ने बताया कि वन समिति के सदस्यों के निस्तार के लिए 17-18 सौ क्विंटल जलाऊ लकड़ी की उपलब्धता जंगल में गिरी-पड़ी सूखी लकड़ी से पूरी हो जाती है। बीते साल सदस्यों को निस्तार हेतु 965 नग बल्लियां और 22 नग जलाऊ लकड़ी का चट्टा समिति को दिया गया। साथ ही बल्लियों की बिक्री से प्राप्त करीब 97 हजार रूपये की राशि को समिति के खाते में जमा किया गया है। इसके अलावा वनोत्पाद व वनोपज के संग्रह व विक्रय से भी आय अर्जित हो रही है। श्री विश्वकर्मा बताते हैं कि सघन वन हो जाने की वजह से अब यहां तेंदुआ, जंगली सुअर, सियार, मोर और चीतल आदि की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है।
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