बुनकरों से जाना साड़ियों का पैटर्न
राज्यपाल श्री पटेल ने रेवा सोसाइटी में साड़ी निर्माण कार्य का अवलोकन किया। इस दौरान बुनकरों से अलग-अलग प्रश्न कर साड़ियों के बारे में जाना। सबसे पहले राज्यपाल श्री पटेल को चरखा चला रहे बुनकर कैलाश चौहान ने बताया कि एक साड़ी करीब 8 दिनों में बनकर तैयार होती है। एक साड़ी के लिए मेहनताने के रूप में 5 से 18 सौ रुपये तक मिलते है। इसी तरह बुनकर मंजू बाई वर्मा ने राज्यपाल को बताया कि किसी भी साड़ी में जितनी ज्यादा डिजाइन होती है। उसी हिसाब से बुनने में समय लगता है और मजदूरी भी तय होती है। राज्यपाल ने मंजू वर्मा से परिजनों के काम और साड़ी निर्माण के बुवाई के समय के बारे में भी पूछा। इसके बाद राज्यपाल श्री पटेल ने लीला बाई भावसार से साड़ियों के पैटर्न के बारे में जाना। उन्हें बताया गया कि महेश्वरी साड़ी को ज्यादातर पर्यटक खरीदते है और महाराष्ट्रीयन पैटर्न पर होती है। इसके अलावा सोसाइटी द्वारा बनाये जाने वाले उत्पादों की जानकारी ली।
राजराजेश्वर मंदिर में राज्यपाल ने किया शांति पाठ, पुरुसुत्तक और गणेश वंदना
दो दिवसीय महेश्वर प्रवास पर शुक्रवार को पहुँचे राज्यपाल श्री पटेल ने शनिवार की सुबह राजराजेश्वर मंदिर के प्राचिन मंदिर मंदिर में करीब 30 मिनट तक शांति पाठ, पुरुसुत्तक और गणेश वंदना की। इसके पश्चात वे माँ नर्मदा में नोका विहार किया।
राज्यपाल ने मंडलेश्वर स्थित गुप्तेश्वर महादेव मंदिर दर्शन की मंशा की
राज्यपाल श्री पटेल ने अपने निर्धारित कार्यक्रम के अलावा मंडलेश्वर स्थित गुप्तेश्वर मंदिर दर्शन करने की इच्छा जाहिर की। जिला एवं पुलिस प्रशासन ने तुरंत तमाम बंदोबस्त करते हुए मंडलेश्वर में मंदिर दर्शन के लिए पहुँचे। यहाँ राज्यपाल ने छप्पन देव मंदिर और गुप्तेश्वर महादेव मंदिर पहुँचे। गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चन किया।
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