नरसिंहपुर राजकुमार दुबे
पत्रकारों से तो फिर आम जनता का क्या होगा कहीं न कहीं पुलिस अपनी छवि पर निसंदेह ऐसी स्थिति लाकर खड़ा कर लेती है पुलिस हमेशा संदेह के घेरे में ही रहती है ऐसा ही वाक्य हुआ बरमान चौकी के अंतर्गत अवैध वसूली के नाम पर लोगों को किया जा रहा है परेशान 10 20 50 100 जितने भी हाथ लगे हैं बस अपने बस्ती में डालना पुलिस के जैसे मानो धंधा हो गया हो आम जनता से इस तरीके से वसूली की जा रही हैं वह तो आम जनता ही जाने जब एक पत्रकार को गाड़ी रोक कर परेशान किया गया और जब पत्रकार ने अपनी आईडी दिखाएं पुलिस का बोलबाला कुछ इस तरीके से रहा तुम्हारी औकात ही इतनी है जब पत्रकार सभी विभागों की सत्यता को सामने लाने में सक्षम है उसी के साथ यदि ऐसा बोला जा रहा है तो फिर आम जनता के साथ क्या किया जा रहा होगा इसलिए आम जनता किसी भी मामलों में सामने नहीं आती पुलिस का इस तरीके का रवैया अपराधियों को अपराध करने में मजबूर करता है और आम जनता पुलिस के सामने जाने से कतराती है इसी मामले में कहीं न कहीं चौकी प्रभारी की मिलीभगत भी सामने आती है जब चौकी प्रभारी को 2 माह पूर्व अवगत कराया गया प्रभारी जी के कहे अनुसार उचित कार्यवाही करेंगे आज तक कार्रवाई नहीं की गई इसमें कहीं ना कहीं थाना प्रभारी की भी मिलीभगत सामने आती है इसी के चलते किसी प्रकार की अवैध वसूली पर रोक नहीं लगाई गई कहीं ना कहीं प्रशासन एक दूसरे के चट्टे बट्टे हैं मास्क के नाम पर अवैध वसूली
बरमान बस स्टैंड के पास पुलिस विभाग की मास्क के नाम पर अवैध वसूली का सिलसिला बदस्तूर जारी है अगर मानव मात्र मास्क लगाये है तो गाड़ी के कागज मांगे जावेंगे कागज हैं तो लायसेंस और अगर लायसेंस भी है तो कुछ भी नुस्ख निकालकर ऐन केन प्रकारेण मानव मात्र से पैसे हर हाल में लिये जायेंगे ही क्या कौई इन्शान पेशी पर जा रहा क्या अस्पताल जा रहा क्या कोई अन्य जरूरी कार्य से आ जा रहा है उससे माननियों को कोई मतलब नहीं आप तो हर हाल में जेब डीली करो ये अनैतिक क्रत्य क्यों बेचारी कोरोना की मार झेल चुकी जनता को अकारण परेशान किया जा रहा है और हाँ अगर आप मास्क चेक कर रहे हैं तो लोगों को मास्क भी दो उसका रसीद काटकर क्रप्या पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी इस मुद्दे को द्रष्टिगत रखते हुए उचित निर्णय लें ऐंसी जनापेक्षा है....
नरसिंहपुर से राजकुमार दुबे की खास रिपोर्ट
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