जेके हॉस्पिटल के पास कलियासोत नदी पर ब्रिज का काम लगभग पूरा हो चुका है। एप्रोच रोड बनाने, पेवर लॉक और लाइटिंग लगाने का कुछ काम बाकी है, जो चल रहा है। इसके बाद ब्रिज से ट्रैफिक शुरू होगा। हालांकि, नवंबर में इसे शुरू करने की पूरी तैयारी थी, लेकिन एप्रोच रोड व कुछ अन्य खामियों के कारण ब्रिज का लोकार्पण नहीं हो पाया था।
16 महीने में पूरा होना था, लेकिन नहीं हो पाया
ब्रिज के निर्माण की शुरुआत मार्च 2019 में हुई थी और इसे 16 महीने में बन जाना था। यानी जुलाई 2020 तक ब्रिज से ट्रैफिक की शुरू होना था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से ब्रिज का काम नहीं हो सका। वहीं, 2021 में कोरोना संक्रमण के कारण भी काम नहीं हो पाया। इससे प्रोजेक्ट करीब दो साल लेट हो गया है।
12 मीटर चौड़ा और 75 मीटर लंबा है ब्रिज
सीपीए (राजधानी परियोजना प्रशासन) ब्रिज का निर्माण करा रहा है। ब्रिज की चौड़ाई 12 मीटर है, जबकि 75 मीटर इसकी लंबाई है। यह 5 करोड़ 90 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है।
ब्रिज शुरू होने से ये फायदा
ब्रिज से ट्रैफिक शुरू होने के बाद कोलार की करीब 50 कॉलोनी के लोगों को फायदा होगा। जेके हॉस्पिटल के आसपास, नयापुरा, दानिशकुंज, विनीत कुंज, ललिता नगर समेत आसपास के क्षेत्र की कॉलोनियों के लोगों को वैकल्पिक रास्ता मिल जाएगा। कोलार रोड जाने की बजाय लोग ब्रिज होते हुए गुरुकुलम आ जाएंगे और यहां से बंसल हॉस्पिटल होते हुए शाहपुरा से एमपी नगर, बिट्ठन मार्केट, हबीबगंज रेल्वे स्टेशन जा सकेंगे। इससे कोलार के मेन रोड से ट्रैफिक का दबाव 30 प्रतिशत तक कम हो जाएगा।
अभी यह है स्थिति
चूना भट्टी से गेहूंखेड़ा तक मेन रोड है। जहां पर ट्रैफिक का खासा दबाव रहता है। खासकर सुबह 10 से 11.30 बजे तक एवं शाम 5 से 7.30 बजे तक हजारों गाडिय़ां गुजरती हैं। इस दौरान जाम की स्थिति भी निर्मित होती है और हजारों लोग परेशान होते हैं। कई लोग दानिशकुंज होते हुए शाहपुरा व बावडिय़ाकलां के रास्ते से भी गुजरते हैं। कलियासोत नदी पर ब्रिज के लोकार्पण के बाद लोग दानिशकुंज या मंदाकिनी चौराहा से होकर आ-जा सकेंगे।