भोपाल । राजधानी में मिलावटी मावा और पनीर ट्रेन से पार्सल के तौर पर भेजा जा रहा है। यह मिलावटी सामग्री भिंड, मुरैना और ग्वालियर से आ रही है।  ट्रेन से पार्सल के तौर पर यह सामग्री भेजी जाती है। रेलवे को भी भाड़े से मतलब रहता है। सड़क मार्ग से सामान लाने में पुलिस द्वारा पकड़े जाने का डर रहता है, इसलिए व्यापारी रेल मार्ग को चुन रहे हैं। स्टेशन पर यह जांच नहीं की जाती कि किस सामग्री की सप्लाई की गई है। रेलवे में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भी कमी है। इस कारण जांच नहीं हो पाती। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के खाद्य सुरक्षा अधिकारी भी रेलवे क्षेत्र में जाकर सैंपल नही ले सकते। व्यापारी इसी का फायदा उठा रहे हैं। उधर, भोपाल में 10 दिन के भीतर दूसरी बार पनीर अमानक मिला है। दोनों बार पनीर में अतिरिक्त फैट की मिलावट पाई गई है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने सेमरा कलां में गुरुवार को मुरैना जिले से ट्रेन के माध्यम से लाया गया पनीर जब्त किया था। 24 घंटे के भीतर ही ईदगाह हिल्स स्थित राज्य खाद्य प्रयोगशाला में इसकी जांच कराई गई। जब्ती के दौरान पनीर के छह सैंपल लिए गए थे। सभी अमानक मिले हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि मुरैना जिले में दिग्विजय सिंह जादौन की पनीर बनाने की फैक्ट्री है। वहां से यह पनीर पहले तो ग्वालियर लाया जाता है। इसके बाद ट्रेन मार्ग से भोपाल पहुंचता है। भोपाल में पनीर बेचने का लाइसेंस नहीं होने बावजूद इसकी बिक्री की जा रही थी। शिकायत के आधार पर गुरुवार को पनीर जब्त किया गया था। जांच में अमानक पाए जाने के बाद गुरुवार को ही पनीर को नष्ट कर दिया गया है। इसके पहले 21 जनवरी को आठ क्विंटल पनीर रेलवे स्टेशन के पास से पकड़ा गया था। इसकी भी जांच रिपोर्ट अगले ही दिन आ गई थी। सभी छह सैंपल अमानक मिले थे।खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि सभी सैंपल में मिल्क फैट कम मात्रा में जबकि दूसरे फैट की मात्रा ज्यादा मिली है। सही पनीर में मिल्क फैट की मात्रा तय सीमा में होती है। अतिरिक्त फैट की मात्रा ज्यादा पाए जाने का मतलब यह है कि पनीर में दूध के अलावा दूसरी चीज भी मिलाई गई है। फैट की मात्रा कम न हो, इसलिए दूसरे तरह का फैट मिलाया गया है।