मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश के कारण अब किसान फिर परेशान होने लगा है। मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, गुना, राजगढ़, दतिया सहित कुछ अन्य जिलों में ओलावृष्टि और अतिवृष्टि की वजह से किसान को फसलों के खराब होने की आशंका है। मंदसौर में नाराज किसानों ने चक्काजाम किया तो राजस्व के अमले ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। मगर कुछ स्थानों पर अभी भी सर्वे का किसान इंतजार कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश में इस सप्ताह शुरू हुआ बारिश का सिलसिला अभी भी जारी है। इससे खेतों में खड़ी किसानों की फसलों को नुकसान होना शुरू हो गया है। बारिश के साथ ओलावृष्टि से भी फसलें बरबाद हो रही हैं। मंदसौर में कुछ ऐसी तस्वीरें आई हैं जिसमें फसल बिछ गई है और ओलों से खेत पटे पड़े हैं। वहीं, रतलाम में ओलावृष्टि से लोग सड़क से दौड़़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए दौड़ लगाते भी दिखाई दिए।
किसानों ने मंदसौर में किया जाम
मंदसौर के सीतामऊ-सुवासरा क्षेत्र में बारिश और तेज ओलावृष्टि से किसानों की फसलों में अधिक नुकसान हुआ जिसके चलते शनिवार सुबह नाराज किसान सड़कों पर उतर आए। सीतामऊ क्षेत्र के सेंदरा-खजूरी रोड पर ग्रामीणों ने जाम लगा दिया और सरकार से जल्द सर्वे कर मुआवजा देने की मांग की। इस पर मंत्री हरदीप सिंह डंग ने किसानों से चर्चा करने के बाद मंदसौर कलेक्टर को सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। दोपहर में किसानों के नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व का अमला कुछ गांव में पहुंचा।
कृषि मंत्री ने सर्वे के दिए निर्देश
कृषि मंत्री कमल पटेल ने ट्वीट कर किसानों को भरोसा दिलाया है कि वे चिंतित नहीं हों। उनकी फसल खऱाब हुई है तो उसकी भरपाई सरकार करेगी। उन्होंने कलेक्टरों से फोन पर बात कर नुकसान का सर्वे शुरू करने के निर्देश दिए और किसानों को कहा है कि उनका संकट सरकार का है।
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