सीकर । राजस्थान के सीकर में एक मां बेटे की मौत के बाद भी बेटे से खुद से अलग नहीं कर सकी। लोग कहते है 15 साल पहले उसके एक इकलौते बेटे का निधन हुआ था। तब से मां मोक्षधाम में ही है।जब कभी अंतिम संस्कार होता है, महिला नजर आ जाती है।वह लोगों को पानी पिला देती है। मदद के लिए लकड़ियां जुटा देती है।बस श्मशान से बाहर जाती नहीं।महिला बताती है 2008 में उसके 22 साल के बेटे इंद्र एक सड़क हादसे का शिकार हो गया था। उसके इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बची और उसकी मौत हो गई। मैं आखिरी बार उसका चेहरा तक नहीं देख सकी।
मां कहती है, मेरे बेटे को आज तक इंसाफ नहीं मिला।दुनिया बेटे को भूल गई, लेकिन मैं कैसे भूल जाऊं। यहीं सो रहा है मेरा बेटा, मेरा इंदर। महिला कहती है ‘बेटे की अस्थियां विसर्जित करने के लिए हरिद्वार गई थी। वहां से लौटी और श्मशान आ गई।कुछ दिन तक किसी ने कुछ नहीं कहा, फिर लोगों ने टोकना शुरु कर दिया। लोगों के मुताबिक, श्मशान में रहने वाली महिला ने अपने बेटे की हत्या का आरोप लगाया है। वह कहती है, लोगों ने कहा बेटा सामान लेकर जा रहा था, तभी उसका एक्सीडेंट हो गया।लेकिन यह झूठ है, उसकी हत्या हुई है।अस्पताल में मुझे बेटे का चेहरा भी नहीं दिखाया गया।डॉक्टर बताते है बेटा हादसे के बाद काफी देर जिंदा था।
लोगों का कहना है कि महिला सीकर की ही रहने वाली है।उसका बड़ा परिवार है। पति की मौत के बाद उसने ससुराल छोड़कर अपने इकलौटे बेटे के साथ अपने मायके चली आई।उसने बेटे को पढ़ाया-लिखाया, काबिल बनाया। बेटा एक दुकान में काम करता था।2008 में उसके बेटे की मौत हो गई।अब श्मशान में ही रहती है।यहां लोगों की मदद करती है।
Please do not enter any spam link in the comment box.