धौलपुर। राजस्थान के धौलपुर जिले में एक गर्भवती मह‍िला की मौत हो जाने से परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के बाहर लगे बैनर-पोस्टर फाड़ दिए। अस्पताल में कर्मचारी नदारद होने पर नारेबाजी करने लगे। हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश कर मामला शांत कराया। गर्भवती की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस थाने में निजी अस्पताल राधा रानी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस को दी तहरीर में गर्भवती मह‍िला के पति मोनू ने बताया कि 6 दिसंबर को वह अपनी पत्नी भूरो को बसेड़ी के राजकीय अस्पताल में दिखाने के लिए ले गया था जहां डॉक्टर ने ऑपरेशन से बच्चा होने की बात कही। इसके बाद वह 7 दिसम्बर को अपनी पत्नी भूरो को गांव के शैलेंद्र सिंह परमार की गाड़ी भाड़े पर लेकर दिखाने के लिए धौलपुर ले जाने लगा तो गाड़ी के ड्राइवर शैलेन्द्र सिंह ने पीड़ित से कहा कि पास में ही एक निजी अस्पताल हैं और इसमें बहुत अच्छे डॉक्टर हैं। ड्राइवर शैलेन्द्र सिंह ने कमीशन के चलते निजी अस्पताल राधा रानी के सामने गाड़ी को रोक दी।
  पीड़ित मंगलवार सुबह 10 बजे अपनी पत्नी को लेकर राधारानी अस्पताल में ले आया। अस्पताल में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ सहित दस कर्मचारी मौजूद थे। राधारानी अस्पताल में डॉक्टरों ने पीड़ित की पत्नी भूरो को देखकर कहा कि हम सामान्य डिलीवरी करा देंगे और जिसका खर्चा 21 हजार रुपये आएगा। पीड़ित ने 21 हजार रुपये जमा करा दिए। इसके बाद निजी अस्पताल राधा रानी में कार्यरत स्टाफ ने पीड़ित की पत्नी का इलाज शुरू कर दिया। अस्पताल के डॉक्टरों ने पीड़ित की पत्नी की डिलीवरी में लापरवाही बरत कर प्रसव के दौरान बिना बताए गलत तरीके से ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के बाद पीड़ित की पत्नी भूरो के अधिक रक्त स्त्राव होने से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। अधिक रक्त स्त्राव होने से पीड़ित की पत्नी भूरो की राधारानी अस्पताल में ही मृत्यु हो गई। अस्पताल के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ ने पीड़ित को धोखा देकर पत्नी को रैफर करने का बहाना बनाकर एक एंबुलेंस को बुलाकर मृत पत्नी के शरीर को एंबुलेंस में रखकर आगरा के लिए भेज दिया। पीड़ित ने रिपोर्ट में बताया कि एंबुलेंस में राधा रानी अस्पताल के दो डॉक्टर भी बैठ कर गए। आगरा में पीड़ित को एंबुलेंस में बैठा छोड़कर दोनों डॉक्टर फरार हो गए। इसके बाद पीड़ित को पता चला कि उक्त आरोपी डॉक्टर बिना रजिस्ट्रेशन से बाड़ी कस्बे में अस्पताल चला रहे थे। घटना के बाद आक्रोशित परिजन शव को लेकर बाड़ी कस्बे के राधारानी अस्पताल लेकर पहुंच गए जहां प्रसूता के परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया और अस्पताल बैनर पोस्टर फाड़ दिए लेकिन अस्पताल का स्टाफ नदारद होने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश कर प्रसूता के शव को कब्जे में लेकर बाड़ी के सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। प्रसूता ने बच्ची को जन्म दिया है। पुलिस ने परिजनों द्वारा दी गई तहरीर पर अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज कर क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।बाड़ी कोतवाली थाना एसएचओ गजानंद चौधरी ने बताया कि बसेड़ी के रहने वाले मोनू पुत्र मुन्ना कुशवाह ने एक थाने पर तहरीर रिपोर्ट दी है। उसमे बताया गया है क‍ि बाड़ी के राधारानी हॉस्पिटल में उनकी पत्नी का ऑपरेशन हुआ था। डिलीवरी के दौरान उसकी तबियत ख़राब हो गई। डॉक्टरों ने उसे आगरा रैफर कर दिया जो रास्ते में ख़त्म हो गई। इस मामले में केस दर्ज कर अनुसंधान जारी है।