लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 15 दिसंबर से विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू करने का निर्णय किया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी। राज्यपाल को यह अधिसूचना जारी करने का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद-174 के खंड (1) में प्रदत्त शक्तियों के आधार पर दिया गया है। इस अधिसूचना के माध्यम से विधानसभा के सभी सदस्यों, यूपी सरकार के मुख्य सचिव, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री एवं मुख्यमंत्री के निजी सचिव, विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष सहित विधानसभा में नेता विरोधी दल को सूचना दी जाती है।
कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के तहत इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार अगले वित्तीय वर्ष के लिए पूर्ण बजट लाने के बजाए चार महीने का लेखानुदान इस सत्र में पास कराएगी। साथ ही उम्मीद है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट भी लाया जा सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये 17वीं विधानसभा का शायद आखिरी सत्र है। इसमें सरकार कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कर सकती है। विधानसभा का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार साबित हो सकता है। चुनावी तैयारियों के बीच शुरू हो रही इस विधानसभा की कार्यवाही को लेकर विपक्षी दलों ने भी विशेष तैयारियां कर रही हैं। सपा, कांग्रेस और बसपा की ओर से प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए बिगुल बजाकर विरोध किया जाएगा। महंगाई आदि को लेकर भी राज्य सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है।


योगी सरकार ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों के साथ ही लेखानुदान भी तैयार कर लिया है। जुलाई तक के लिए होने वाला ये लेखानुदान लगभग पौने दो लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए दूसरा अनुपूरक बजट भी ला सकती है। लेखानुदान के तहत नए वित्तीय वर्ष में जुलाई महीने तक के लिए जरूरी खर्चों के लिए बजट का प्रारूप तैयार कर लिया है। बताया जा रहा है कि सरकार लेखानुदान इसी 15 दिसंबर को सदन में प्रस्तुत कर सकती है। अनुपूरक के माध्यम से एक्सप्रेस-वे और जेवर एयरपोर्ट के लिए और धनराशि का आवंटन होगा।