जयुपर । राजस्थान के जयपुर में कांग्रेस पार्टी ने महंगाई के बहाने केंद्र सरकार की घेराबंदी की।हालांकि, महंगाई हटाओ रैली' से पार्टी को कितना फायदा होगा, आने वाला समय बताएगा, फिलहाल कांग्रेस ने संदेश जरूर दे दिया है कि फिर पार्टी की बागडोर राहुल गांधी के हाथ में सौंपी जा रही है। मंच पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी मौजूद जरूर रहीं, लेकिन भारी संख्या में उमड़े पार्टी समर्थकों को उनके मुंह से एक शब्द भी सुनने को नहीं मिला।लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी की बागडोर संभालने वालीं सोनिया की चुप्पी ने ही वह सब कह दिया, जो बताने के लिए संभवत: रैली का आयोजन किया गया था।
2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार की वजह से राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया था। तब से ही सोनिया अंतिरम अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की बागडोर संभाल रही हैं। संगठन चुनाव को लेकर पार्टी में उठती आवाज के बावजूद कांग्रेस ने नए अध्यक्ष के चुनाव को सितंबर 2022 तक टाल दिया है। पार्टी में बागी रुख अपना कुछ नेता दबी जुबान में गांधी परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को पार्टी की कमान सौंपने की बात करते हैं। लेकिन पार्टी का एक धड़ा मानता है कि राहुल गांधी ही पार्टी का भविष्य हैं।
पार्टी के सूत्र कहते हैं, कि राहुल भले ही अभी अध्यक्ष नहीं हों, लेकिन पार्टी से जुड़ा हर बड़ा फैसला राहुल ही ले रहे हैं। वह पिछले दिनों पंजाब में हुए घटनाक्रम की ओर इशारा करते हैं। सोनिया के विश्वासपात्र रहे कैप्टन अमरिंदर को जिस तरह साइडलाइन करके राहुल और प्रियंका की पसंद नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की कमान दी गई थी, उससे साफ हो गया था कि अब राहुल ही कप्तान हैं।
वहीं रविवार को जयपुर की रैली में भी इसकी पुष्टि हो गई, यहां सोनिया गांधी टीम की कोच और मार्गदर्शक की भूमिका में नजर आईं। राहुल गांधी भी पूरे रंग में दिखाई दिए, उन्होंने गैस सिलेंडर से लेकर पेट्रोल-डीजल तक की महंगाई पर केंद्र सरकार को घेरा तब हिंदू और हिंदुत्ववादियों में फर्क बताने के लिए कई दलीलें दीं। इस दौरान सोनिया लगातार तालियां बजाती रहीं। राजनीतिक जानकार इस रैली को राहुल की अघोषित ताजपोशी के रूप में देख रहे हैं।