भोपाल । प्रदेश में आदिवासियों वोट बैंक को रिझाने के लिए सियासत जारी है। गुरुवार को कांग्रेस ने प्रेसकॉन्फ्रेंस कर शिवराज सरकार पर आदिवासियों को झूठे प्रलोभन दिखाकर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में रानी कमलापति का गिन्नौरगढ़ महल खंडहर हो रहा है। विधानसभा सत्र में महल का मुद्दे को लेकर रिपोर्ट रखने के लिए कमलनाथ के निर्देश पर 5 सदस्यीय कमेटी सज्जन सिंह वर्मा, ओमकार मरकाम, हीरालाल अलावा, पांचीलाल मेणा, बलवीर तोमर को शामिल कर बनाई गई। इस कमेटी के महल के दौरे के लिए वन मंडल अधिकारी, ओबेदुल्लागंज को एक आवेदन पत्र 13 दिसम्बर को दिया गया। वन मंडल अधिकारी ने बाघ मूवमेंट और बाघ गणना का हवाला देकर कमेटी में शामिल विधायको के प्रतिनिधिमंडल को किले पर जाने की अनुमति नही दी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार आदिवासियों की इस गौरवशाली धरोहर को सहेजने में पूर्णत: असफल साबित हुई है, इसलिए वो किले पर जाने का प्रतिबंध लगाकर इस असफलता को छुपाना चाहती है। पूर्व मंत्री और विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि आदिवासी संस्कृति और उसके गौरवशाली इतिहास की धरोहर रानी कमलापति के नाम पर की जा रही राजनीति से भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा पुन: उजागर हुआ है। जिस भाजपा को पिछले 18 वर्षों से कभी भी रानी कमलापति की याद नही आयी, आज वो उनके इतिहास को गौरवशाली बताकर, उसके नाम पर हबीबगंज स्टेशन का नामकरण कर रही है।
वर्मा ने कहा कि राजधानी के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नामकरण, जिसको खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और तमाम भाजपा नेतागण ही, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की मांग कर रहे थे, उसको सिर्फ राजनीतिक लाभ की दृष्टि से रानी कमलापति के नाम से कर के प्रदेश सरकार सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहती है। वही उसके विपरीत जमीनी सत्यता ये है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी, स्व.सुषमा स्वराज और ख़ुद शिवराज सिंह चौहान के प्रतिनिधित्व वाली विदिशा लोकसभा में आने वाला रानी कमलापति का गिन्नौरगढ़ किला अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाते हुए बदहाली, बेबसी और गुमनामी के साथ बुधनी विधानसभा की सीमा में जर्जर और बेहाल अवस्था में खड़ा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस किले के जीर्णोद्धार का संकल्प लिया है और इस किले की वास्तविक स्थिति हम जनता के सामने लाकर रहेंगे। सरकार कितने भी प्रतिबंध लगा ले, हमारा संघर्ष जारी रहेगा और हम रानी कमलापति की इस गौरवशाली आखिरी धरोहर को यूं मिटने, बर्बाद होने नही देंगे। कांग्रेस आदिवासी वर्ग के महानायकों के गौरवशाली इतिहास के साथ वर्षों से खड़ी है। हम भाजपा की तरह सिर्फ चुनावों में ही इन महानायकों को याद नही करते है।