भोपाल  । विश्व हिंदू परिषद अवैध धर्मांतरण तथा आक्रामक षडयंत्रों के खिलाफ सोमवार से देश व्यापाी अभियान शुरू करेंगी। रविवार को विहिप के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि वीएचपी 20 दिसंबर से 31 दिसंबर तक संपूर्ण देश में व्यापक रूप से धर्म रक्षा अभियान चलाएगा। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण की देशव्यापी विभीषिका को देखते हुए राज्य व केंद्र सरकारें अवैध धर्मांतरण के रोकने के लिए कठोर कानून बनाकर जिहादियों व ईसाई मिशनरियों के हिंदू-द्रोह देशद्रोही कुकर्मों पर लगाम लगाएं। अब समय आ गया है कि लालच, भय या धोखे से धर्मांतरण करवाने वालों पर कठोर दण्ड की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस 23 दिसंबर को हम पहले से ही धर्म रक्षा दिवस के रूप में मनाते आए है, लेकिन अवैध धर्मांतरण के षड्यंत्रों की भीषणता को देखते हुए इस वर्ष अभियान को विस्तार दिया गया है। इस अभियान के अंतर्गत इनके षड्यंत्रों को उजागर करने के लिए साहित्य का वितरण, जन-सभाओं, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जन-जागरण किया जाएगा। जिससे हिंदू समाज इनके हिंदू विरोधी और राष्ट्र विरोधी कृत्यों को समझे तथा आगे बढ़कर इन पर रोक लगाए।

कोरोना काल में हुए धर्मांतरण
परांडे ने कहा कि कोरोना काल में जब सामाजिक-धार्मिंक संगठन सेवा कार्यों में लगे थे तब मौलवी और पादरी आक्रामक रूप से धर्मांतरण के कार्य कर रहे थे। कोरोना के शांत होते ही ये सब षड्यंत्र उजागर होने शुरू हो गए। चर्च चंगाई सभा जैसा धोखाधड़ी भरे षड्यंत्रों के माध्यम से खुलेआम अवैध धर्मांतरण कर रहा है। भोले-भाले वनवासियों, ग्राम वासियों और पिछड़ी बस्ती के निवासियों को विशेष रूप से लक्ष्य किया जा रहा है। मिशनरी स्यं स्वीकार कर रहे है कि जितनी चर्च कोरोना काल में खोली गई उतनी गत 25 वर्षों में नहीं खोली गई। मध्यप्रदेश के झाबुआ, बैतूल, सागर, जबलपुर, सतना धर्मातंरण के अड्डें बने हुए है।

विश्व हिंदू परिषद की मांग
विश्व हिंदू परिषद की मांग है कि जिन राज्यों में अवैध धर्मांतरण व लव जेहाद को रोकने कानून नहीं है, वहां कानून बनाएं जाएं। अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए केन्द्र सरकार एक सख्त कानून लाएं। अनुसूचित जनजातियों के धर्मांतरण करने वाले अपने पूर्वजों की परंपरा, श्रद्धा और पूजा पद्वति से अलग हो जाते है। उनको जनजाति समुदाय के मिल रहे लाभ से वंचित करने संविधान संशोधन शीघ्र करना चाहिए। विहिप साधु-संतों व सामाजिक-धार्मिक नेतृत्व करने वाले महापुरुषों से धर्मांतरण करने वाले षड्यंत्रकारी शक्तियों के विरोध में लोगों को जागरूक करने और अवैध धर्मांतरण को रोंके व व्यक्तियों को पुन: अपनी जड़ों के साथ जोडऩे की बात कहीं।