इलाहाबाद. इन दिनों एक बार फिर महामारी को लेकर चिंताएं व्यक्त की जाने लगी है. ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रसार को देखते हुए हाल ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि यूपी चुनाव को हो सके तो आगे खिसका दें. कोर्ट का कहना था कि जान है तो जहान है. चुनावी रैलियों से ओमिक्रॉन का खतरा और बढ़ जाएगा और यदि अभी इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं. ऐसे में कोर्ट ने सरकार से चुनावों को आगे खिसकाने की अपील की थी.
अब इस संबंध में मुख्य चुनाव आयुक्त का बयान सामने आया है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने कहा है कि इस संबंध में अगले सप्ताह निर्णय लिया जाएगा. खबरों के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त अगले सप्ताह उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे और वहां कि स्थिति की समीक्षा करेंगे. इसके बाद वे परिस्थितिनुसार उचित निर्णय करेंगे. यदि उन्हें लगता है कि स्थिति को कंट्रोल करने की जरूरत है तो वे उसी के अनुरूप निर्णय करेंगे.
गौरतलब है कि अगले साल की शुरुआत में यूपी में चुनाव होने वाले हैं. यूपी के अलावा उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में भी चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में यदि ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ता है तो चुनाव इसमें और घातक सिद्ध हो सकते हैं. चुनावी दौरे, रैलियों में लोगों का आना जाना बीमारी के खतरे को और बढ़ा देगा.
उधर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार चुनाव आयोग आदर्श आचार संहिता लागू करता है तो उसे ही राज्य चुनावों के संचालन पर फैसला करना चाहिए.
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