गोरखपुर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को गोरखपुर में कहा कि जब डबल इंजन की सरकार होती है तब डबल तेजी से काम भी होता है। जब नेक नियत से काम होता है, तो आपदाएं भी अवरोध नहीं बन पाती। मोदी ने यहां गोरखपुर एम्स, फर्टिलाइजर कारखाने और आईसीएमआर के जांच केंद्र का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक सभा को संबोधित भी किया। लोगों को बधाई देते हुए मोदी ने कहा कि 5 साल पहले मैं गोरखपुर में एम्स और खाद कारखाने का शिलान्यास करने आया था। आज इन दोनों का एकसाथ लोकार्पण करने का सौभाग्य भी आपने मुझे ही दिया है। आईसीएमआर के रीजनल रिसर्च सेंटर को आज अपनी बिल्डिंग मिली है। मोदी ने कहा कि गोरखपुर में खाद कराखाने का शुरू होना, गोरखपुर में एम्स का शुरू होना अनेक संदेश दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब गरीब-शोषित-वंचित की चिंता करने वाली सरकार होती है, तो वो परिश्रम भी करती है, परिणाम भी लाकर दिखाती है। उन्होंने कहा कि जब 2014 में आपने मुझे सेवा का अवसर दिया था, तब उस समय देश में फर्टिलाजर सेक्टर बहुत बुरी स्थिति में था। देश के कई खाद कारखानों वर्षों से बंद पड़े थे। विदेशों से आयात लगातार बढ़ता जा रहा था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक बड़ी दिक्कत ये भी थी कि जो खाद उपलब्ध थी, उसका इस्तेमाल चोरी-छिपे और भी कामों में गुपचुप हो जाता था। इसलिए देशभर में यूरिया की किल्लत तब सुर्खियों में रहती थी। उन्होंने कहा कि हमने यूरिया के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया। बंद पड़े फर्टिलाइजर प्लांट को फिर से खोलने पर ताकत लगाई। फर्टिलाइजर प्लांट के शिलान्यास के समय मैंने कहा था कि इस कारखाने के कारण, गोरखपुर इस पूरे क्षेत्र में विकास की धुरी बनकर उभरेगा। आज मैं इसे सच होते देख रहा हूं।
मोदी ने कहा कि गोरखपुर खाद कारखाने की बहुत बड़ी भूमिका देश को यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में भी होगी। देश के अलग-अलग हिस्सों में बन रहे 5 फर्टिलाजर प्लांट शुरु होने के बाद 60 लाख टन अतिरिक्त यूरिया देश को मिलेगा। यानि भारत को हजारों करोड़ रुपए विदेश नहीं भेजने होंगे, भारत का पैसा भारत में ही लगेगा। हमारी सरकार आने से पहले यूपी से सिर्फ 20 करोड़ लीटर इथेनॉल तेल कंपनियों को भेजा था। आज करीब 100 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्तर प्रदेश के किसान तेल कंपनियों को भेज रहे हैं। योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए बीते वर्षों में अभूतपूर्व काम किया है। मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से इस सदी की शुरुआत तक देश में सिर्फ 1 एम्स था। अटल जी ने 6 और एम्स स्वीकृत किए थे। बीते 7 वर्षों में 16 नए एम्स बनाने पर देशभर में काम चल रहा है। हमारा लक्ष्य ये है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो।