उदयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने उदयपुर निवासी दिवंगत हितेन्द्र गरासिया के शव को रूस में दफनाने के निर्णय पर भारत सरकार को अपनी स्वीकृति देने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही भारत सरकार के विदेश सचिव को निर्देश दिये हैं वे विदेश मंत्री को अवगत करवाकर कूटनीतिक स्तर पर इस मामले के समाधान के लिये रास्ता तलाशें। हाईकोर्ट द्वारा विदेश सचिव के साथ विदेश मंत्री को भी अपने आदेश में शामिल करने से भारत सरकार पर इस मामले को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है। उदयपुर निवासी हितेंद्र गरासिया की पत्नी आशा और उसके बेटे व बेटी की ओर से हाईकोर्ट में एडवोकेट सुनील पुरोहित के माध्यम से इस संबंध में याचिका दायर की गई थी। सोमवार को न्यायाधीश दिनेश मेहता ने भारत सरकार को निर्देश दिये कि अगली तिथि तक भारत सरकार की ओर से हितेंद्र गरासिया के शव को रूस में दफनाने को लेकर कोई स्वीकृति नहीं दी जाये।
सोमवार को उच्च न्यायालय ने भारत सरकार के विदेश सचिव को निर्देश दिये कि वे इस मामले में विदेश मंत्री को अवगत करवाये। विदेश मंत्री के माध्यम से इसका कूटनीतिक स्तर पर समाधान का रास्ता निकाला जाये। इससे पहले याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय में कहा कि उनके पास जो जानकारी है उसके अनुसार रूस स्थित भारतीय दूतावास ने हितेंद्र गरासिया के शव को रूस में दफनाने के निर्णय में अपनी सहमति दी है। सोमवार को हाईकोर्ट में रूस की सरकार की ओर से नई दिल्ली स्थित रूस के भारतीय दूतावास की ओर से हितेंद्र गरासिया के शव को अंतिम संस्कार के लिए भारत नहीं लाये जा पाने के मामले में जवाब दिया जाना था। हाईकोर्ट की ओर से 15 दिसंबर को ईमेल के माध्यम से नोटिस तामिल कराये जाने के बावजूद रूस की सरकार की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।   उल्लेखनीय है कि 17 जुलाई 2021 को राजस्थान के उदयपुर जिले के गोड़वा गांव के निवासी हितेंद्र गरासिया की रूस में मृत्यु हो गयी थी। शव के अभी तक भारत नहीं आने पर इस मामले में विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिये कार्य करने वाले बूंदी के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने राष्ट्रपति सचिवालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली में शिकायत दर्ज करवायी थी। शर्मा की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले में केस दर्ज करते हुये विदेश सचिव को समाधान के निर्देश दिये थे। इस मामले में 7 नवंबर को विदेश मंत्रालय की ओर से भारतीय राजदूत डीबी वेंकटेश वर्मा ने जवाब दिया कि रूस सरकार ने हितेंद्र गरासिया की दिवंगत देह को भारत भेजने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। भारतीय राजदूत ने अपने लिखित जवाब में कहा कि रूस में भी दाह संस्कार की अनुमति नहीं होगी बल्कि शव को दफनाया जायेगा। उसके बाद परिजनों ने चर्मेश शर्मा के साथ रूस के राष्ट्रपति पुतिन के भारत आगमन के दौरान नई दिल्ली में 7 दिन तक जंतर मंतर व रूस दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था।